राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) विकसित कर रही योगी सरकार कानपुर व आसपास के कई जिलों को जोड़ते हुए विशेष क्षेत्र बनाएगी। प्रदेश सरकार दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर कानपुर समेत 8 पड़ोसी जिलों का विकास करेगी। योजना के मुताबिक प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक शहर कानपुर समेत उसके पड़ोसी जिलों को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से विकसित किया जाएगा। इसके मद्देनजर कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने जीआईएस आधारित मास्टर प्लान-2051 के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रक्रिया के तहत बांदा, हमीरपुर, फतेहपुर, जालौन, औरैया, कन्नौज तथा कानपुर नगर व देहात के कुल 20,094 किमी वर्ग क्षेत्र में विकासपरक योजनाओं को गति देने के लिए कानपुर रीजनल इंटीग्रेटेड अथॉरिटी (क्रीडा) का निर्धारण किया जाएगा। यह औद्योगिक विकास के साथ ही इस क्षेत्र में ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने वाला कदम साबित होगा। केडीए अधिकारियों का कहना है कि कानपुर की पहचान न केवल प्रदेश बल्कि देश के पुराने व प्रतिष्ठित औद्योगिक शहरों में शामिल नगर की रही है। इसके बावजूद, कानपुर व उसके आसपास के जिलों में असंतुलित शहरी विकास की समस्या देखने को मिलती है।
इसी कड़ी में, कानपुर क्षेत्र के परिसीमन के साथ ही आठ जिलों को शामिल करके दिल्ली-एनसीआर के तर्ज पर कानपुर रीजनल इंटीग्रेटेड अथॉरिटी (क्रीडा) के निर्धारण के कार्य को पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। इस कार्य को पूरा करने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित मास्टर प्लान-2051 के निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। मास्टर प्लान-2051, कानपुर रीजनल इंटीग्रेटेड अथॉरिटी (क्रीडा) के क्रियान्वयन के लिए एक क्षेत्रीय योजना तैयार करने पर फोकस है जो क्षेत्र में भूमि उपयोग के नियंत्रण तथा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सामंजस्यपूर्ण नीतियों का प्रावधान करने में मददगार होगी। यह कानपुर के उपनगरीय क्षेत्रों के आसपास अव्यवस्थित विकास को नियंत्रित करने के साथ उद्यमियों को संगठित निवेश के अवसर प्रदान करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि इससे नगर विकास, औद्योगिक क्षेत्रों तथा आवासीय-अनावासीय संरचनाओं के निर्माण समेत भविष्य की जरूरतों के अनुसार सभी संसाधनों के विकास, संचालन व प्रबंधन की प्रक्रिया को बल मिलेगा। इस काम को पूरा करने के लिए विशिष्ट टीम की तैनाती होगी जिसकी प्रक्रिया जारी है।
इससे पहले प्रदेश सरकार राजधानी लखनऊ व आसपास के कई जिलों को मिला कर एनसीआर की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के गठन का ऐलान कर चुकी है। इतना ही नहीं प्रयागराज के आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर इसी प्रकार का विशेष क्षेत्र का गठन किया जा रहा है।