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उप्र विधानसभा में पेश हुआ बांके बिहारी मंदिर न्यास के गठन का विधेयक, जानें कौन-कौन होगा न्यास सदस्य

न्यास में 11 मनोनीत और 7 पदेन सदस्य होंगे। सभी मनोनीत सदस्य सनातनी हिंदू होंगे जिनका कार्यकाल 3 वर्ष का होगा।

Last Updated- August 13, 2025 | 6:56 PM IST
Banke Bihari Mandir

उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन के पटल पर बांके बिहारी मंदिर न्यास के गठन का विधेयक पेश किया गया है। हालांकि यह विधेयक पारित होने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक के चलते अभी लागू नहीं होगा।

बुधवार को विधानसभा में उत्तर प्रदेश विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर 24 घंटे की अनवरत चर्चा की शुरूआत हो गयी है। इसमें सरकार विभागवार उपलब्धियां और विजन रख रही है जबकि विपक्ष के सवालों का दौर भी जारी है।  इस डॉक्यूमेंट पर चर्चा गुरुवार सुबह तक जारी रहेगी जिसमें सभी विधायकों को अपने विचार रकने का समय दिया जाएगा।

विधानसभा में पेश किए गए बांके बिहारी न्यास विधेयक में कहा गया है कि मंदिर के चढ़ावे, दान और सभी चल-अचल संपत्तियों पर न्यास का अधिकार होगा. इसमें मंदिर में स्थापित मूर्तियां, मंदिर परिसर और प्रसीमा के भीतर देवताओं के लिए दी गई भेंट/उपहार, किसी भी पूजा-सेवा-कर्मकांड-समारोह-धार्मिक अनुष्ठान के समर्थन में दी गई संपत्ति, नकद या वस्तु रूपी अर्पण, तथा मंदिर परिसर के उपयोग के लिए डाक/तार से भेजे गए बैंक ड्राफ्ट और चेक तक शामिल हैं। मंदिर की संपत्तियों में आभूषण, अनुदान, योगदान, हुंडी संग्रह सहित श्री बांके बिहारी जी मंदिर की सभी चल एवं अचल संपत्तियां सम्मिलित मानी जाएंगी।

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सरकार ने कहा है कि न्यास का गठन स्वामी हरिदास की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है। स्वामी हरिदास के समय से चली आ रही रीति-रिवाज, त्योहार, समारोह और अनुष्ठान बिना किसी हस्तक्षेप या परिवर्तन के जारी रहेंगे। न्यास दर्शन का समय तय करेगा, पुजारियों की नियुक्ति करेगा और वेतन, भत्ते/प्रतिकर निर्धारित करेगा. साथ ही भक्तों और आगंतुकों की सुरक्षा तथा मंदिर के प्रभावी प्रशासन और प्रबंधन की जिम्मेदारी भी न्यास पर होगी।

न्यास गठन के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए अलग दर्शन मार्ग, पेयजल, विश्राम हेतु बेंच, पहुंच एवं कतार प्रबंधन कियोस्क, गौशालाएं, अन्नक्षेत्र, रसोईघर, होटल, सराय, प्रदर्शनी कक्ष, भोजनालय और प्रतीक्षालय जैसी व्यवस्थाएं विकसित की जाएंगी। 

न्यास में 11 मनोनीत और 7 पदेन सदस्य होंगे। मनोनीत सदस्यों में वैष्णव परंपराओं/संप्रदायों/पीठों से 3 प्रतिष्ठित सदस्य,सनातन धर्म की परंपराओं/संप्रदायों/पीठों से 3 सदस्य, सनातन धर्म की किसी भी शाखा/संप्रदाय से 3 सदस्य, गोस्वामी परंपरा से 2 सदस्य जो स्वामी हरिदास जी के वंशज होंगे, को शामिल किया जाएगा। स्वामी हरिदास गोस्वामी के परिवार से शामिल किए गए सदस्यों में राज-भोग सेवादारों और दूसरा शयन-भोग सेवादारों का प्रतिनिधि होगा। सभी मनोनीत सदस्य सनातनी हिंदू होंगे जिनका कार्यकाल 3 वर्ष का होगा।

वहीं न्यास के पदेन सदस्यों में मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर निगम आयुक्त, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद के सीईओ, बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के सीईओ और राज्य सरकार का नामित प्रतिनिधि शामिल होंगे। न्यास को 20 लाख रूपये तक की चल/अचल संपत्ति स्वयं खरीदने का अधिकार होगा; इससे अधिक के लिए सरकार की स्वीकृति आवश्यक होगी। मुख्य कार्यपालक अधिकारी एडीएम स्तर के अधिकारी होंगे।

First Published - August 13, 2025 | 6:56 PM IST

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