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खत्म होगा टोल ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल, InvITs से जुटाएगी हाईवे निवेश के लिए फंड: नितिन गडकरी

गडकरी ने 2023 में हाईवे ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचओएआई) के एक कार्यक्रम में कहा था कि टीओटी मॉडल एनएचएआई के मुकाबले रियायत हासिल करने वालों के लिए अधिक अनुकूल है।

Last Updated- June 26, 2025 | 10:53 PM IST
Nitin Gadkari

राजमार्ग क्षेत्र में निवेशकों को अचं​भित करते हुए सरकार ने टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) मॉडल को अब खत्म करने का फैसला किया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कमाई का यह लोकप्रिय मॉडल था, मगर सरकार अब इनविट के जरिये धन जुटाने पर विचार कर रही है। टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर मॉडल के तहत कंपनियों को पहले से ही चालू सड़कों में रियायत के साथ एकमुश्त निवेश करने की अनुमति दी जाती है। रियायत हासिल करने वाले पहले निवेश करते हैं और 20-30 साल के लिए राजमार्ग पर टोल संग्रह के साथ उसके संचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी संभालते हैं।

गडकरी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से खास बातचीत में कहा, ‘अब हम टीओटी को जारी नहीं रखेंगे। टीओटी में बंडल का आकार बहुत बड़ा है और इसलिए घरेलू कंपनियां उसमें प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकती हैं। इसलिए इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) को प्राथमिकता देना चाहते हैं। मुद्रीकरण का एक लक्ष्य है जिसमें टीओटी शामिल हैं। मगर मैंने नीति आयोग से बात की है और उन्हें बताया है कि सरकार की ओर से मैं निवेश लक्ष्य को पूरा करूंगा लेकिन वह इनविट के जरिये होगा न कि टीओटी के जरिये।’

गडकरी के अनुसार, मंत्रालय अपने इनविट के जरिये अधिक परियोजनाएं देने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह बदलाव कर रहा है। गडकरी 2023 के आरंभ से ही टीओटी के निवेशकों की सार्वजनिक तौर पर आलोचना करते रहे हैं। फरवरी में गडकरी और राजमार्ग सचिव वी उमाशंकर ने एनएचएआई को पत्र लिखकर सभी टीओटी बंडलों की व्यापक समीक्षा करने के लिए कहा था।

गडकरी ने 2023 में हाईवे ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचओएआई) के एक कार्यक्रम में कहा था कि टीओटी मॉडल एनएचएआई के मुकाबले रियायत हासिल करने वालों के लिए अधिक अनुकूल है।

मंत्री ने बताया, ‘टीओटी बंडल ज्यादातर विदेशी फंडों द्वारा खरीदे जा रहे हैं। मुझे लगा कि देश के बाहर के लोग देश की संपत्ति खरीद रहे हैं और मैं इससे सहज नहीं हूं। मैं चाहता हूं कि हमारे देश के निवेशक और सेवा क्षेत्र के लोग लाभान्वित (राजमार्गों में निवेश से) हों।’

मंत्री का दावा एनएचएआई द्वारा 9 जून को जारी अपने पहले परिसंपत्ति मुद्रीकरण रणनीति दस्तावेज में की गई घोषणा से मेल नहीं खाता है। उसमें एनएचएआई ने प्रति तिमाही 3 टीओटी बंडल- एक छोटा (करीब 2,000 करोड़ रुपये), एक मध्यम (करीब 5,000 करोड़ रुपये) और एक बड़ा (करीब 9,000 करोड़ रुपये)- बंडल पेश करने की अपनी योजनाओं का खुलासा किया था।

गडकरी ने कहा कि मंत्रालय अब इनविट में सार्वजनिक निवेश लाने के लिए काम कर रहा है। एनएचएआई ने अपनी परिसंपत्ति मुद्रीकरण दस्तावेज में पहली बार सार्वजनिक तौर पर दावा किया है कि उसकी योजना एक सार्वजनिक इनविट स्थापित करने की है।

राजमार्ग मंत्री ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि हमारे देश के निवेशक इनविट में निवेश करें और मैंने लगभग 1,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए कुछ फाइलों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनविट में भारतीय और विदेशी दोनों निवेशक शामिल होंगे। हम यह भी चाहते हैं कि वेतनभोगी लोग इनविट में निवेश करें जहां उन्हें निवेश पर 8.05 फीसदी रिटर्न मिलता है।’

टीओटी राजमार्ग मंत्रालय का सबसे पसंदीदा मुद्रीकरण मॉडल रहा है। वह सरकार के परिसंपत्ति मुद्रीकरण अभियान में शानदार प्रदर्शन करने वाला विभाग रहा है। मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2025 के बीच नीति आयोग के 1.6 लाख करोड़ रुपये के मुद्रीकरण लक्ष्य का 71 फीसदी हासिल किया।

एनएचएआई ने अब तक इस मॉडल के तहत करीब 50,000 करोड़ रुपये के राजमार्गों का मुद्रीकरण किया है। उसने पहली परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन में मंत्रालय के योगदान में लगभग 38 फीसदी का योगदान किया।

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहले खबर दी थी कि दूसरी परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन में 2029-30 तक 10 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य में करीब 25 फीसदी योगदान राष्ट्रीय राजमार्ग का होगा। हालांकि इसे अब तक जारी नहीं किया गया है।

First Published - June 26, 2025 | 10:48 PM IST

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