भारत में सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन को जमीन पर दौड़ने के लिए अब ज्यादा वक्त का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड बुलेट ट्रेन (MAHSR) प्रोजेक्ट के लिए जमीन के अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए जमीन के अधिग्रहण का काम 100 फीसदी पूरा कर लिया गया है।
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने पुल के लिए लगने वाले पिलर और गर्डर के बारे में भी जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक, बुलेट ट्रेन की पटरी बिछाने के लिए जो पुल बनाए जा रहे हैं उनके लिए 274.12 किलोमीटर तक पिलर खड़े कर दिए गए हैं। इन पिलर्स पर 127.72 किलोमीटर तक गर्डर भी लगा दिए गए हैं। बता दें कि गर्डर सीमेंट या लोहे के प्लेटफॉर्म होते हैं जिनके ऊपर रेल की पटरी बिछाई जाती है।
मुंबई से अहमदाबाद के बीच कुल 508.17 किलोमीटर की रेल की पटरी में से 21 किलोमीटर अंडरग्राउंड पटरी रहेगी। इसके अलावा, बुलेट ट्रेन की 90 फीसदी से ज्यादा पटरी का हिस्सा हवा में यानी पुल पर होगा।
केंद्र सरकार के अहम प्रोजेक्ट में से एक- मुंबई-गुजरात हाई स्पीड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहीत की जा रही है। यह हाईस्पीड ट्रेन दो राज्य- मुंबई औऱ गुजरात के बीच चलेगी। बीच में केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली भी आता है। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री ने राज्यवार इस बात की भी जानकारी दी थी कि किस प्रदेश से कितनी जमीन अधिग्रहीत की गई है।
उन्होंने अधिग्रहण का डेटा देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर बताया था कि मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट (MAHSR) के तहत 100 फीसदी जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है। इस लिहाज से कुल 1389.49 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। उन्होंने बताया कि गुजरात में 951.14 हेक्टेयर, दादरा और नगर हवेली में 7.90 हेक्टेयर और मुंबई में 430.45 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
बता दें कि पिछले दिनों 16 जनवरी को इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की दिग्गज कंपनी एल ऐंड टी कंस्ट्रक्शन (L&T Construction) को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए मेगा-ऑर्डर मिला था। कंपनी ने बताया था कि उसे जापान की एजेंसी की तरफ से MAHSR प्रोजेक्ट के तहत 508 किलोमीटर तक हाई स्पीड इलेकिट्रीफिकेशन सिस्टम तैयार करने का मेगा ऑर्डर मिला है। इस मेगा ऑर्डर के 10,000-15,000 करोड़ रुपये के बीच होने की संभावना जताई जा रही है।
भारत में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की फंडिंग जापान इंटरनैशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (JICA) कर रही है। यह एजेंसी नैशनल हाई स्पीड रेल को-ऑपरेशन लिमिटेड के लिए और उसकी ओर से काम करती है।
2017 में भारत में सबसे तेज ट्रेन दौड़ने वाले प्रोजेक्ट MAHSR का ऐलान हुआ। उस वक्त इसे पूरा करने के लिए डेडलाइन 2022 रखी गई थी। बाद में यह डेडलाइन बढ़ाकर 2026 कर दी गई। इस देरी के पीछे की वजह भूमि अधिग्रहण में आने वाली रुकावट मानी जा रही है। हालांकि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री ने बयान में कहा था कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की प्रगति ठीक चल रही है और वह संतोषजनक स्थिति में है।