भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इंतजार की अवधि ज्यादा होने पर मुक्त आवाजाही नीति को लागू किए जाने के 3 साल बाद टोल प्लाजा प्रबंधन दिशानिर्देशों से इसे हटा दिया है।
मई 2021 में लोगों ने एनएचएआई की बड़ी प्रशंसा की थी, जब उसने यह नियम लागू किया था कि भीड़ के वक्त में प्रति वाहन सर्विस का वक्त 10 सेकेंड से कम होना चाहिए और किसी भी लेन में वाहनों की कतार टोल बूथ से 100 मीटर से कम होनी चाहिए।
2021 के नियम में कहा गया है, ‘अगर किसी भी समय वाहनों की कतार किसी भी लेन में टोल बूथ से 100 मीटर से लंबी हो जाती है तो लेन का बुक बैरियर उठा दिया जाएगा और बगैर टोल चुकाए हुए वाहनों को जाने की अनुमति देनी होगी, जब तक कि कतार 100 मीटर से कम नहीं हो जाती है।’
19 अगस्त को जारी सर्कुलर में प्राधिकरण ने कहा है कि प्लाजा पर सर्विस की अवधि से जुड़े प्रावधान तत्काल प्रभाव से हटा दिए गए हैं क्योंकि ‘राष्ट्रीय राजमार्ग (दरों का निर्धारण व संग्रह) नियम, 2008 में टोल प्लाजा पर वाहनों की कतार की दूरी से संबंधित छूट/मुक्त प्रवाह के लिए कोई प्रावधान नहीं है।’
एनएचएआई के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘यह नियम सभी टोल प्लाजा के लिए नहीं था। यह केवल 2021 के बाद नए डिजाइन वाले खास पोस्ट पर लागू है। इन नियमों को लागू होने को लेकर लोगों में भ्रम रहा है। शुल्क नियमों में छूट का प्रावधान नहीं है, इसलिए इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है।’
राजमार्ग प्राधिकरण ने मई 2021 में इन प्रावधानों को उन परियोजनाओं पर लागू किया था, जहां परियोजना प्रगति पर थी और टोल प्लाजा के लिए अभी जमीन का अधिग्रहण किया जाना था। अधिकारी ने कहा कि नियम के दायरे में आने वाले और उसके बाद से डिजाइन किए गए टोल प्लाजा सभी टोल बूथों का एक छोटा हिस्सा हैं। प्रकाशन तक इस तरह के बूथों के वास्तविक आंकड़े उपलब्ध नहीं थे।