प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें धोलेरा में 91,000 करोड़ रुपये की परियोजना भी शामिल है जिसमें वर्ष 2026 तक चिप उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।
तीन में से दो परियोजनाएं गुजरात में स्थित हैं, जबकि एक असम में है। तीन परियोजनाएं हैं – गुजरात के धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएसआईआर) में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन संयंत्र, असम के मोरीगांव में आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर एसेंबली ऐंड टेस्ट (ओएसएटी) संयंत्र और गुजरात के साणंद में ओएसएटी इकाई।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये तीन नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज घोषित परियोजनाओं से भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने में मदद मिलेगी। ये तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाएं देश में आर्थिक वृद्धि और नवाचार को बढ़ावा देने में सहायक साबित होंगी।’
उन्होंने कहा, ‘21वीं सदी इलेक्टॉनिक आधारित है और सेमीकंडक्टर चिप के बगैर इसकी कल्पना नहीं की जा सकेगी। पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों के दौरान, भारत को कई वजहों से चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन देश अब इंडस्ट्री 4.0 में सफलता हासिल करने की दिशा में भरोसे के साथ आगे बढ़ रहा है।’
केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि धोलेरा संयंत्र में उत्पादन 2026 के अंत तक शुरू होने की संभावना है। भारत की पहली सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन इकाई की स्थापना 91,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (पीएसएमसी) की भागीदारी में की जाएगी।
असम के मोरीगांव में ओएसएटी केंद्र का विकास टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से करेगी। वैष्णव ने कहा, यह संयंत्र इलेक्ट्रिक वाहनों, ऑटोमोटिव, मोबाइल फोन और पावर डिवाइस की जरूरतें पूरी करेगा।
साणंद में ओएसएटी केंद्र का गठन सीजी पावर ऐंड इंडस्ट्रियल सॉल्युशंस लिमिटेड सेमीकंडक्टर की असेंबली, टेस्टिंग, मार्केटिंग व पैकेजिंग (एटीएमपी) की संशोधित योजना के तहत करेगी, जिस पर कुल निवेश 7,500 करोड़ रुपये का होगा।
तीनों परियोजनाओं को इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत प्रोत्साहन दिया गया है, जिसका परिव्यय 76,000 करोड़ रुपये का है। समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के अलावा केंद्र व राज्य सरकार के 1,000 से ज्यादा अधिकारियों व उद्योग के लीडर्स ने हिस्सा लिया। गुजरात के 1 लाख से ज्यादा यूनिवर्सिटी छात्रों ने वर्चुअली इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और देश भर के अलग-अलग संस्थानों के लोग भी इससे जुड़े।