केंद्र सरकार ने 70 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएम जय) का लाभ देने के लिए हाल ही में उसका दायरा बढ़ाया था। मगर विस्तार होने के बाद एक महीने में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य का महज 3 फीसदी ही हासिल हो पाया है। मंत्रालय ने इसके तहत 70 साल और उससे अधिक उम्र के 6 करोड़ बुजुर्गों को स्वास्थ्य बीमा सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य रखा था।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के पास 28 नवंबर की शाम तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 70 साल अथवा इससे अधिक उम्र के करीब 18.7 लाख बुजुर्ग लाभार्थियों ने पीएम जय में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराया है। सरकार ने निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोई अंतिम मियाद तय नहीं की है मगर उसकी सुस्त रफ्तार पर चिंता जताई जा रही है।
नैशनल हेल्थ सिस्टम्स रिसोर्स सेंटर के सलाहकार (जन स्वास्थ्य प्रशासन) और नीति आयोग के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार डॉ के मदन गोपाल ने कहा कि पहले महीने में महज 3 फीसदी लाभार्थियों का पंजीकरण होना बताता है कि उन तक पहुंचने की ठोस पहल करनी होगी, प्रक्रिया सरल बनानी होगी और जागरूकता तथा सुगमता की कमी दूर करने के स्थानीय स्तर पर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा, ‘ इस क्रांतिकारी पहल का पूरा फायदा उठाने के लिए लोगों को जानकारी और सहायता प्रदान करनी होगी।’
एक विशेषज्ञ ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘सुस्त रफ्तार की एक वजह यह भी है कि महाराष्ट्र एवं झारखंड जैसे राज्यों में हाल में चुनाव आचार संहिता लागू थी, जिससे वहां योजना लागू नहीं हो सकी।’ पीएम जय का दायरा बढ़ने के बाद 70 साल और उससे ज्यादा उम्र के सभी बुजुर्गों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है, उनकी आय चाहे कितनी भी क्यों न हो। जिन बुजुर्गों का परिवार पहले से ही इस योजना के तहत पंजीकृत है, उन्हें परिवार वाला लाभ तो मिलेगा ही दोबारा पंजीकरण कराने पर अपने लिए 5 लाख रुपये का टॉप-अप बीमा और मिल जाएगा।
आंकड़ों से पता चलता है कि अब तक 13.4 लाख नए लाभार्थियों ने पंजीकरण कराया है, लेकिन उनमें से 5.28 लाख पहले से ही इस योजना का लाभ पा रहे हैं और उन्होंने टॉप-अप के लिए दोबारा पंजीकरण कराया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार बढ़े दायरे वाली योजना के तहत अतिरिक्त लाभ हासिल करने के लिए आए 260 से अधिक आवेदन खारिज भी किएगए हैं।
सभी वरिष्ठ नागरिकों को अलग से आयुष्मान वय वंदना कार्ड मिलेगा, जो आयुष्मान कार्ड से अलग होगा। नियमों में यह भी कहा गया है कि निजी स्वास्थ्य बीमा करा चुके अथवा कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत बीमा सुविधा पाने वाले लाभार्थी भी पीएम जय का लाभ उठा सकेंगे।
मगर जिन लोगों को केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) और भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) का फायदा मिल रहा है, उन्हें पुरानी योजना या पीएम जय में से किसी एक को चुनना होगा।
बुजुर्गों के पंजीकरण की सुस्त रफ्तार पर चिंता जताई जा रही है मगर कुछ राज्य इसमें काफी आगे भी हैं। मसलन मध्य प्रदेश 7,09,200 पंजीकरण के साथ 70 साल से अधिक उम्र के नए एवं पुराने दोनों लाभार्थी श्रेणियों में आगे हैं। राज्यों में 70 साल से अधिक उम्र के लोगों की आबादी के अलग आंकड़े नहीं हैं और सरकारी रिपोर्टें 60 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों की संख्या ही बताती हैं। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की आबादी 2021 में करीब 71 लाख थी जो राज्य की कुल आबादी की करीब 8.5 फीसदी है।
केरल 3,96,522 नए कार्ड के साथ पंजीकरण की रफ्तार में दूसरे पायदान पर है। वहां 2021 में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की आबादी करीब 58 लाख थी, जो कुल आबादी की करीब 16.5 फीसदी है। उत्तर प्रदेश 2,55,318 नए पंजीकरण के साथ तीसरे पायदान पर है। आंध्र प्रदेश में 10,925 और तेलंगाना में 8,864 पंजीकरण के साथ रफ्तार काफी धीमी है, जबकि आम तौर पर वहां इस बीमा का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है।