जीपीएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली में निजता हनन की चिंताओं के बीच राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने स्पष्ट किया कि डेटा संग्रहण केवल राष्ट्रीय राजमार्गों तक ही सीमित रहेगा। इस प्रणाली को ग्लोबल नैविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) टोल कलेक्शन के रूप में भी जाना जाता है।
टोल संग्रह की यह प्रणाली लागू होने के बाद टोल बूथ खत्म हो जाएंगे। इस प्रणाली के तहत हर वाहन पर ऑन बोर्ड यूनिट (ओबीयू) को अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाएगा और उसी के जरिये टोल शुल्क कट जाएगा।
जैन ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम डेटा की निजता को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं। आपका वाहन जब राजमार्ग पर प्रवेश करेगा तो सिग्नल पर नजर रखी जाएगी। आपका वाहन जैसे ही राजमार्ग को छोड़ेंगे तो सिग्नल पर नजर रखना अपने से खत्म हो जाएगा।’
इस प्रणाली को लेकर चिंताएं यह हैं कि इस लेन देन में शामिल साझेदार जैसे ओबीयू विनिर्माता, बैंक और बीमाकर्ता सिर्फ वाहन के राष्ट्रीय राजमार्ग पर रहने के दौरान ही नहीं बल्कि हर समय रियल टाइम लोकेशन के आंकड़ों को हासिल कर सकते हैं।
इस पर जैन ने बताया, ‘हमारे साथ हुए समझौते के तहत उन पर बाध्यताएं हैं (वे सभी समय नजर नहीं रख सकते)।’ सचिव ने बताया, ‘आज भी हम राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों के बारे में जानकारी एकत्र करते हैं, क्योंकि वाहन टोल गेट से गुजरते हैं। बस यह एक गोपनीय और समेकित फॉर्म में होता है।’
उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक वाहनों में वाहन मालिक एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म से अपने वाहन की स्थिति ज्ञात कर सकते हैं।