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एक बार फिर साउथ अफ्रीका से भारत लाए जाएंगे चीते, फरवरी में 12 चीते लाने की डील पर मुहर

Last Updated- January 27, 2023 | 1:39 PM IST
Cheetah
Reuters

भारत ने मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में 12 चीतों के स्थानांतरण के लिए दक्षिण अफ्रीका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। पर्यावरण मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि समझौते पर पिछले सप्ताह हस्ताक्षर किये गये और 15 फरवरी तक सात नर और पांच मादा चीतों के कुनो पहुंचने की उम्मीद है। दक्षिण अफ्रीका के पर्यावरण विभाग ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि एक दशक तक हर साल 12 चीतों को भेजने की योजना है।

भारत ने अभी तक इस संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया है। अधिकारी के मुताबिक, पिछले साल जुलाई से 12 दक्षिण अफ्रीकी चीते पृथक-वास में हैं और उनके इस महीने कुनो पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन ‘‘दक्षिण अफ्रीका में कुछ प्रक्रियाओं में समय लगने के कारण’’ उनके स्थानांतरण में देरी हुई।

उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों को जल्द ही जानवरों के हस्तांतरण के लिए वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधी कन्वेंशन (सीआईटीईएस) के तहत एक निर्यात परमिट और एक प्रमाण पत्र प्राप्त होगा।

उन्होंने बताया कि भारत ने सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है। वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधी कन्वेंशन (सीआईटीईएस) एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जिसका पालन राष्ट्र तथा क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठन करते हैं। भारत भेजे जाने वाले इन 12 चीतों में से तीन को क्वाजुलु-नताल प्रांत में फिंडा पृथकवास बोमा में और नौ को लिम्पोपो प्रांत में रूइबर्ग पृथकवास बोमा में रखा गया है।

उन्हें लेकर विमान जोहानिसबर्ग हवाईअड्डे से उड़ान भरेगा। अत्यधिक शिकार और आवासन क्षेत्र की कमी के कारण भारत में चीते पूरी तरह से लुप्त हो गए थे। आखिरी चीता वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में देखा गया था जिसकी 1947 में मौत हो गई थी और 1952 में इस प्रजाति को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।

पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 72वें जन्मदिन पर चीता पुनर्वास कार्यक्रम के तहत पांच मादा और तीन नर चीतों के पहले समूह को नामीबिया से भारत लाया गया और उन्हें कुनो के एक बाड़े में पृथक-वास में रखा गया था।

First Published - January 27, 2023 | 1:39 PM IST

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