NITI Aayog Master Plan: मुंबई महानगर और उसके आसपास को वैश्विक वित्तीय केंद्र बनाने के लिए नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौप दी। नीति आयोग ने मुंबई के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को पांच साल में दोगुना करने के लिए सात अलग-अलग क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है। इस रिपोर्ट में मुंबई और महानगरीय क्षेत्र की जीडीपी 2030 तक 26 लाख करोड़ (300 अरब डॉलर) तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुंबई महानगर क्षेत्र के आर्थिक विकास के साथ बुनियादी ढांचे के विकास और इस क्षेत्र की जीडीपी को 300 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए नीति आयोग ने मुंबई के आर्थिक विकास के लिए मास्टर प्लान (व्यापक योजना) तैयार किया है। जिसकी तैयारी पिछले साल से शुरू कर दी गई थी। जिसकी रिपोर्ट नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम ने आज राज्य सरकार को सौंपी है।
सुब्रमण्यम ने कहा कि नीति आयोग 13 राज्यों के लिए एक विजन तैयार कर रहा है। प्रदेश के विकास के साथ-साथ शहरों के आर्थिक विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति आयोग चार महानगरीय क्षेत्रों, मुंबई मेट्रोपॉलिटन एरिया, सूरत, वाराणसी, विशाखापत्तनम में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में काम कर रहा है।
नीति आयोग द्वारा किए गए अध्ययन में मुंबई महानगर के साथ-साथ पालघर, रायगढ़, ठाणे जिलों सहित क्षेत्र के विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखा गया है। वर्तमान में इस क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद 1.2 लाख करोड़ (140 अरब डॉलर) है जो उत्तर प्रदेश राज्य का 80 प्रतिशत है। मुंबई और महानगरीय क्षेत्र की जीडीपी 2030 तक 300 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
सुब्रमण्यम ने कहा कि फिलहाल मुंबई में करीब 1 करोड़ नौकरियां हैं और नीति आयोग ने करीब 30 लाख और नौकरियां पैदा करने की कोशिशों का जिक्र किया है। इसके लिए सात विकास क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और निजी क्षेत्र में 10 से 11 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रयास किया जाएगा और शहरों को ग्रोथ इंजन बनाने पर जोर दिया जाएगा।
पूरे महाराष्ट्र की जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा इन पांच जिलों से आता है। मुंबई में एक वैश्विक सेवा केंद्र बनाना, किफायती आवास को बढ़ावा देना, एमएमआर क्षेत्र को एक वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाना, एक उद्योग बनने के लिए एमएमआर में बंदरगाहों का एकीकृत विकास और लॉजिस्टिक हब, सुनियोजित शहरों का विकास, समावेशिता और स्थिरता के साथ-साथ नागरिक बुनियादी ढांचे जैसे सात पहलुओं के आधार पर एमएमआर क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखकर विश्व स्तरीय आर्थिक विकास को गति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि नीति आयोग ने मुंबई सहित महानगरीय क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाकर एकीकृत विकास की योजना बनाई है। इसके लिए किफायती घरों का निर्माण, रोजगार सृजन पर जोर, नवी मुंबई में डेटा सेंटर को प्राथमिकता, अलिबाग मल्टीमॉडल कॉरिडोर का निर्माण तेज किया जा रहा है। हाल ही में महाराष्ट्र में लगभग 80 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। महाराष्ट्र की 720 किलोमीटर लंबी तटरेखा का उपयोग पर्यटन विकास के लिए करने का भी प्रयास किया जा रहा है।