मध्य प्रदेश सरकार राजधानी भोपाल में 24-25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की मेजबानी करेगी। नई दिल्ली में संजीव मुखर्जी और अर्चिस मोहन से बातचीत में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कारोबारी सुगमता के लिए 30 नीतियों में संशोधन की सरकार की योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार का जोर कारोबार सुगमता पर है। उन्होंने भरोसा जताया कि निवेश प्रस्ताव पहले के रिकॉर्ड को पार कर जाएंगे। प्रमुख अंश…
भोपाल में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान मध्य प्रदेश सरकार का निवेश प्रस्तावों का क्या लक्ष्य है?
निवेश का आकार महत्त्वपूर्ण है, लेकिन उतना ही जरूरी इन निवेश प्रस्तावों से तैयार होने वाली नौकरियों की संख्या भी है। हमारा मकसद निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए व्यवस्था और प्रक्रिया में सुधार लाना है। इससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। अगर किसी फैक्टरी में 25 करोड़ रुपये का ही निवेश होता है, लेकिन इससे 5,000 नौकरियों का सृजन होता है तो वह हमारे लिए बड़ी बात है। भरोसा है कि हम निवेश आकर्षित करने का पिछला रिकॉर्ड तोड़ देंगे।
क्या आप उन क्षेत्रों का नाम बता सकते हैं, जहां निवेशकों ने रुचि दिखाई है?
ऊर्जा और खनन सहित हमें तमाम क्षेत्रों में निवेश प्रस्ताव मिल रहे हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि निवेश 4 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगा और इससे 1,00,000 नौकरियों का सृजन होगा। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर सहित अक्षय ऊर्जा प्रमुख क्षेत्र है। हमने पंप स्टोरेज
हाइड्रोपावर नीति का मसौदा तैयार किया है, जिसे बेहतरीन नीतियों में से एक माना जा रहा है और उसकी चर्चा है। प्राकृतिक संसाधनों के साथ ही मध्य प्रदेश भौगोलिक दृष्टिकोण से भी महत्त्वपूर्ण है। यह पवन ऊर्जा उत्पादन और पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर के लिए भी उपयुक्त है, जिसके उत्पादन और भंडारण के लिए पहाड़ियों और मैदानों दोनों की आवश्यकता होती है।
निवेशकों को यह सुनिश्चित कर लेने की जरूरत है कि उत्पादन की गई बिजली के ग्राहक मौजूद होंगे और उन्हें सरकार की व्यवस्था और प्रक्रिया पर भरोसा होना चाहिए। मध्य प्रदेश अनाज उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र है और यहां राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों के साथ रेलवे का बड़ा नेटवर्क है। हम एयर कार्गो की अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं। इसके लिए हमारे यहां 6 हवाईअड्डे हैं। हम राज्य परिवहन नेटवर्क भी सुधार रहे हैं। कामगारों के लिए हम औद्योगिक क्षेत्रों में आवासीय कॉलोनियां बना रहे हैं।
आपकी सरकार 30 नई नीतियां लाने पर काम कर रही है?
इन नीतियों को लाने का हमारा मकसद निवेशकों में सरकारी प्रक्रियाओं को लेकर भरोसा पैदा करना है। साथ ही अनुपालन सरल करने का भी मकसद है, जिससे जब निवेशक राज्य में निवेश करने आएं तो उन्हें बिजली आपूर्ति, भूमि उपलब्धता आदि जैसे मुद्दों पर स्पष्टता मिल सके। इसके पहले 28 अनुमति की जरूरत पड़ती थी, जिसे घटाकर हमने 10 कर दिया है। हम कारोबारियों को सुविधा देने के लिए प्रक्रिया को काफी आसान कर रहे हैं।
कारोबार सुगमता को गति देने के लिए हम 30 नीतियों पर काम कर रहे हैं। हम लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत समय से काम सुनिश्चित करने के लिए सभी सार्वजनिक सेवाओं को अधिसूचित कर रहे हैं, जिसमें केवल वे सेवाएं नहीं होंगी, जिनके लिए केंद्र से अनुमति लेने की जरूरत होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण है कि देश में उद्योग विकसित हों और मेरा भी मानना है कि जनकल्याण के लिए उद्योग जरूरी हैं।
हम भारत और विदेश के उद्योगपतियों को भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित कर रहे हैं। ‘औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति 2025’ एक व्यापक नीति है, जिसमें 11 अन्य नीतियां भी शामिल हैं। अब तक कुल 20 नीतियों को मंजूरी दी गई है और 8 से 10 नई नीतियां जल्द ही पेश की जाएंगी। इसके पहले अगर किसी उद्योग को अपने कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर बनाना होता था तो उसे अलग से अनुमति लेने की जरूरत होती थी।
अब हमने इस तरह की जरूरत को खत्म करने का फैसला किया है। इसके कारण सरकार अब प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत कामगारों के लिए आवास का निर्माण कर सकेगी। हम नीति बना रहे हैं, जिसके तहत उद्योग अपने संयंत्र के पास कॉलेजों में कौशल प्रशिक्षण केंद्र चला सकेंगे। पर्यटन परियोजना के लिए 30 की जगह अब 10 अनुमतियां लेने की जरूरत होती है।
स्टार्टअप, नए दौर के क्षेत्र, सेमीकंडक्टरों आदि में निवेश पर क्या मानना है?
हमने खासकर युवा उद्यमियों के लिए इन सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित किया है। साथ ही नौकरियों के सृजन के लिए हम श्रम बहुल क्षेत्रों पर जोर दे रहे हैं। हम एक साइंस पार्क स्थापित कर रहे हैं। यूनिक्लो सहित बड़ी वैश्विक कंपनियां निवेश करने के लिए कतार में हैं। अवाडा समूह के अध्यक्ष विनीत मित्तल ने मध्य प्रदेश के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है।
किन प्रोत्साहनों की पेशकश की जा रही है?
हमने प्रोत्साहन योजना तैयार की है। हमारा मकसद उद्योग और निवेशकों के साथ जुड़ना है। हम मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट की प्रदर्शनी के माध्यम से देश के बड़े शहरों के निवेशकों के साथ जुड़ने की कवायद कर रहे हैं।
श्रम कानूनों, भूमि अधिग्रहण की दिशा में राज्य सरकार क्या कर रही है?
हमारा मकसद है कि लोगों को काम मिले, लेकिन उन्हें ऐसे माहौल में रोजगार मिल सके, जहां उनके साथ अच्छा व्यवहार हो। जहां तक भूमि का सवाल है, हमारे पास 1,00,000 एकड़ का लैंड बैंक है।