पिछले दो दिन में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की रफ्तार काफी तेज हुई है और इसने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तथा वाणिज्यिक राजधानी मुंबई सहित देश के लगभग सभी प्रमुख इलाकों में दस्तक दे दी है।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यही रफ्तार रही तो जुलाई के पहले हफ्ते में ही मॉनसून पूरे देश में पहुंच जाएगा। आम तौर पर मॉनसून जुलाई के पहले हफ्ते में ही देश भर में पहुंच जाता है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक डी शिवानंद पई ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘मॉनसून फिर सक्रिय हो गया है। ऐसे में संभावना है कि यह जुलाई के पहले हफ्ते तक पूरे देश में पहुंच जाएगा, जो मॉनसूनी बारिश के देश भर में पहुंचने की सामान्य तारीख है।’
मौसम विज्ञानियों के अनुसार दिल्ली और मुंबई में मॉनसून एक ही दिन (25 जून को) पहुंचा है, जो 21 जून, 1961 के बाद से कभी नहीं हुआ था। आम तौर पर मॉनसून मुंबई में 11 जून और दिल्ली में 27 जून को दस्तक देता है। मौसम विज्ञानियों द्वारा साझा किए गए पहले के आंकड़ों से पता चलता है कि 1961 में अल-नीनो तटस्थ था।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक देश में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई। इस दौरान मुंबई में 18 सेंटीमीटर और दिल्ली में 5 सेंटीमीटर बारिश हुई।’
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून देश की उत्तरी सीमा के बेहद करीब पहुंच चुका है। मॉनसूनी बारिश पर निर्भर रहने वाले पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में मॉनसून में तेजी आना धान, तिलहन और दालों जैसी खरीफ फसलों की बोआई के लिए अच्छा संकेत है क्योंकि बारिश की कमी से खरीफ की बोआई पिछड़ रही थी। झमाझम बारिश से उत्तर, पूर्वी और मध्य भारत में तापमान भी गिरा है, जिससे गर्मी की तपिश झेल रहे लोगों को राहत मिली है।
मॉनसून की प्रगति धीमी रहने के कारण पिछले हफ्ते तक (23 जून तक) खरीफ फसलों की बोआई सामान्य से कम हुई थी, जिससे उड़द, अरहर, सोयाबीन और धान की पैदावार घटने का खटका लगा था। मगर व्यापारियों और बाजार सूत्रों का कहना है कि फसलों की बोआई में देर होने पर भी प्रति हेक्टेयर उपज पर ज्यादा असर पड़ने की आशंका नहीं है।
मौसम विभाग ने ताजा जानकारी में कहा है, ‘दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मध्य अरब सागर के बाकी हिस्सों, उत्तर अरब सागर के कुछ हिस्सों और महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली तथा गुजरात, राजस्थान और हरियाणा के कुछ हिस्सों में आज पहुंच गया। मॉनसून उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों तथा जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में भी आज पहुंचा।’
विभाग ने कहा कि अगले दो दिन में गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के कुछ हिस्सों और जम्मू कश्मीर के कुछ इलाकों में परिस्थितियां मॉनसून आगे बढ़ने के अनुकूल हैं।
मॉनसून की तेज प्रगति ने बारिश में कमी भी काफ हद तक पाट दी है। 25 जून तक बारिश सामान्य से लगभग 28 फीसदी कम रही, जबकि 16 जून तक मॉनसूनी बारिश सामान्य से करीब 47 फीसदी कम थी। इसका मतलब यह है कि 10 दिन में ही बारिश में कमी की करीब 19 फीसदी भरपाई हो गई। इससे उम्मीद जगी है कि जून के अंत तक बारिश में कमी और घट जाएगी।