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मानसून 2023 : अल नीनो के कारण भारत में इस वर्ष ‘सामान्य’ से कम हो सकती है बारिश

Last Updated- April 10, 2023 | 2:58 PM IST
Delhi Rain

निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काइमेट ने अल नीनो प्रभाव के प्रति आगाह करते हुए है कि इसके कारण 2023 में साउथ-वेस्ट मानसून का लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) 94 प्रतिशत पर रहने के साथ ‘औसत से नीचे’ रह सकता है।

स्काइमेट के मॉनसून पूर्वानुमान की माने तो जून 2023 से सितंबर तक चार महीने की औसत वर्षा 868.8 मिमी की तुलना में 816.5 मिमी यानी कि 94 प्रतिशत की संभावना है। बता दें कि इस पूर्वानुमान में एरर मार्जिन +/-5 फीसदी रखा गया है।

यह पूर्वानुमान बड़े पैमाने पर ठीके देश के एग्रीकल्चर सेक्टर,रूरल इकोनॉमी पूरे आर्थिक हेल्थ के लिए खतरे की घंटी बजाता है। हालांकि, सभी अल नीनो वर्षों में सामान्य से कम बारिश नहीं होती है।

साथ ही, एग्री सेक्टर क्षेत्र का प्रदर्शन मानसून की बारिश की समयबद्धता, प्रसार और वितरण पर भी निर्भर करता है। कम बारिश लेकिन अच्छी तरह से वितरित और समय पर होना कृषि उत्पादन के लिए उतना बुरा नहीं है।

वहीं, सरकारी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी; भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) इस महीने के अंत में 2023 मानसून सीजन के लिए अपने पहले चरण का पूर्वानुमान पेश करेगा।

स्काईमेट ने अपने पूर्वानुमान में यह भी कहा कि क्षेत्रवार अनुसार, देश के उत्तरी और मध्य भागों में बारिश की कमी का खतरा भी पैदा हो सकता है। साथ ही गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के मुख्य मानसून महीनों के दौरान कम बारिश का अंदेशा जताया गया है।

इसी तरह उत्तर भारत के कृषि क्षेत्रों, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मौसम के दूसरे भाग में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।

स्काईमेट के मैनेजिंग डायरेक्टर जतिन सिंह ने कहा, “ट्रिपल-डिप-ला नीना के सौजन्य से साउथ-वेस्ट मानसून ने पिछले 4 लगातार मौसमों में सामान्य/सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की। अब, ला नीना समाप्त हो गया है। प्रमुख महासागरीय और वायुमंडलीय न्यूट्रल ईएसओ के अनुरूप हैं। अल नीनो की संभावना बढ़ रही है और मानसून के दौरान इसके एक प्रमुख श्रेणी बनने की संभावना बढ़ रही है। अल नीनो की वापसी एक कमजोर मानसून की भविष्यवाणी कर सकती है।”

एजेंसी की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया कि अल नीनो के अलावा, अन्य कारक भी हैं जो मानसून को प्रभावित करते हैं।

इंडियन ओशन डाइपोल (IOD) में मानसून को नियंत्रित करने और पर्याप्त रूप से मजबूत होने पर अल नीनो के दुष्प्रभावों को नकारने की क्षमता है। आईओडी अब तटस्थ है और मानसून की शुरुआत में मध्यम सकारात्मक होने की ओर झुक रहा है।

अल नीनो और आईओडी के ‘चरण से बाहर’ होने की संभावना है और मासिक वर्षा वितरण में अत्यधिक परिवर्तनशीलता हो सकती है। सीजन का दूसरा भाग अधिक सामान्य होने की उम्मीद है।

First Published - April 10, 2023 | 2:58 PM IST

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