मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (KEM) अस्पताल में रविवार देर रात दो मरीजों की मौत हो गई। दोनों मरीजों में कोविड-19 की पुष्टि हुई थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने साफ किया कि इन मौतों का कारण कोविड-19 नहीं, बल्कि मरीजों को दूसरी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थी। मृतकों में एक 14 साल का किशोर और 54 साल का एक व्यक्ति शामिल है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 साल का किशोर नेफ्रोटिक सिंड्रोम से पीड़ित था और उसे किडनी फेल्योर के साथ-साथ हाइपोकैल्सेमिक दौरे पड़ रहे थे। वहीं, दूसरे 54 वर्षीय मरीज कैंसर का इलाज करा रहे थे। BMC के बयान के अनुसार, दोनों मरीज मुंबई के निवासी नहीं थे। किशोर सिंधुदुर्ग का रहने वाला था, जबकि दूसरा मरीज डोम्बिवली का रहने वाला था। अस्पताल प्रशासन ने कहा कि कोविड-19 ने इन मौतों में केवल एक छोटी भूमिका निभाई थी। BMC ने लोगों से घबराने की जरूरत नहीं होने की बात कही और बताया कि कोविड-19 अब एक सामान्य श्वसन संक्रमण की तरह व्यवहार कर रहा है।
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मई 2025 में मुंबई में कोविड-19 के मामलों में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन BMC का कहना है कि ये मामले छिटपुट हैं। जनवरी से अप्रैल तक कोविड-19 के मरीजों की संख्या बहुत कम थी। 19 मई तक भारत में कोविड-19 के 257 सक्रिय मामले हैं, जिनमें महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है। केरल में सबसे ज्यादा 95 सक्रिय मामले हैं और वहां एक मौत भी दर्ज की गई है। BMC ने आश्वासन दिया कि सात पहाड़ी और कस्तूरबा अस्पतालों में कोविड-19 के लिए स्पेशल बेड उपलब्ध हैं और जरूरत पड़ने पर और व्यवस्था की जा सकती है।
इस बीच, सिंगापुर और हांगकांग में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी की खबरों के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति की समीक्षा की। सोमवार को नई दिल्ली में एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई, जिसमें नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC), इमरजेंसी मेडिकल रिलीफ (EMR), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और केंद्रीय अस्पतालों के विशेषज्ञ शामिल हुए।