Mumbai Hoarding Collapse: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब घाटकोपर में होर्डिंग (Ghatkopar Hoarding) गिरने की वजह से दर्दनाक हादसा हो गया और कई लोग काल की गाल में समा गए।
बता दें कि मुंबई के घाटकोपर इलाके में धूल भरी आंधी और बारिश के दौरान एक पेट्रोल पंप पर 100 फुट लंबा अवैध विज्ञापन होर्डिंग गिर गया, जिसमें मरने वालों की संख्या 14 हो गई है जबकि 73 से अधिक घायल हुए हैं।
महाराष्ट्र सरकार मृतकों पांच पांच 5 लाख रुपये देगी और घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी। हादसे के जांच के आदेश भी दे दिये। इसके साथ ही मुंबई में लगे होर्डिंगों की जांच की भी मांग उठने लगी।
घाटकोपर होर्डिंग हादसे में 14 लोगों की मौत
बीएमसी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक घाटकोपर होर्डिंग हादसे में मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। 43 घायलों का अब भी इलाज जारी है, जबकि 31 घायलों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। मुंबई पुलिस ने ईगो मीडिया के मालिक और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
मालिक भावेश भिंडे और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304 (गैर इरादतन हत्या), 338 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना) और 337 (जल्दबाजी या लापरवाही से काम करके किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सीएम एकनाथ शिंदे ने घटनास्थल का दौरा किया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटनास्थल का दौरा किया और मुंबई शहर में सभी होर्डिंग के ढांचों का ऑडिट का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैं खुद घटनास्थल पर गया था। हादसे में जिनकी मृत्यु हुई थी उन्हें सरकार 5 लाख रुपये देगी और घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। मामले में कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि कागज पर 40 फुट लंबा होर्डिंग लगाने की अनुमति दी गई थी लेकिन जो होर्डिंग गिरा वह 120 फुट का था। मुंबई के अनेक हिस्सों में ऐसे 400 होर्डिंग हैं जो तय आकार से बड़े हैं और घाटकोपर की तरह ही कमजोर बुनियाद पर खड़े हैं।
सोमैया ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया है कि पूरे मुंबई महानगर में लगे ऐसे खतरकना होर्डिंग तत्काल हटाये जाएं। महाराष्ट्र राज्य पुलिस बल में शामिल रेलवे पुलिस के एक एसीपी ने 7 दिसंबर, 2021 को होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी। कोई पुलिस अधिकारी इसकी अनुमति कैसे दे सकता है, जबकि यह अधिकार बीएमसी को है।
जिस जमीन पर पेट्रोल पंप है और होर्डिंग लगाया गया, वो महाराष्ट्र पुलिस के रेलवे पुलिस प्रकोष्ठ को दी गई थी। इस जमीन को पुलिस कल्याण कोष को दे दिया गया और इसमें से करीब 40,000 वर्ग फुट के भूखंड को किसी संस्था के सुपुर्द कर दिया गया और बाद में पेट्रोल पंप के लिए आरक्षित कर दिया गया।
अवैध था होर्डिंग
पेट्रोल पंप बनने के बाद रेलवे पुलिस के तत्कालीन एसीपी (प्रशासन) शाहजी निकम ने इसके पास विज्ञापन होर्डिंग लगाने की अनुमति दे दी। यह अवैध था, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
पेट्रोल पंप को 30 जनवरी, 2020 को मंजूरी मिली थी। इसका संचालन पुलिस आयुक्त मुंबई रेलवे कल्याण निधि संस्था द्वारा किया जाता था, लेकिन इसका परिचालन और स्टाफ प्रबंधन लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के पास था। पेट्रोल पंप का मासिक किराया 16,97,440 रुपये था।
सोमैया ने कहा कि उन्होंने लॉर्ड्स मार्क इंडटस्ट्रीज के स्वामित्व का विवरण जुटाने की कोशिश की, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसके मालिक कई बार बदल गए हैं। पेट्रोल पंप और होर्डिंग्स के लिए सभी अनुमतियां तब दी गई थीं जब उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। लेकिन मैं इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता।
पेट्रोल पंप के पास होर्डिंग लगाने के लिए जिम्मेदार एजेंसी एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के भावेश भिंडे और अनुमति देने वाले पुलिस अधिकारियों पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए।
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के एक अधिकारी के अनुसार सहायक पुलिस आयुक्त (प्रशासन) ने रेलवे पुलिस आयुक्त, मुंबई की ओर से चार होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी जिनमें से एक होर्डिंग वो था जो सोमवार को गिर गया, लेकिन बीएमसी से कोई आधिकारिक अनुमति या एनओसी प्राप्त नहीं की गई।
बीएमसी के 75 और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के 50 कर्मी भी अभियान में जुटे हैं। सोमवार शाम करीब चार बजे छेदानगर में पेट्रोल पंप के निकट 120 फुट लंबी और 120 फुट चौड़ी होर्डिंग गिरने के बाद अधिकारियों ने कहा था कि 100 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है।