Monsoon in Maharashtra: महाराष्ट्र में बारिश कभी भी दस्तक दे सकती है। बरसात के मौसम मुंबई और आसपास के इलाकों में जानमाल का नुकसान न हो, जलभराव से यातायात प्रभावित न हो, इसके लिए प्रशासन हर स्तर की तैयारी में जुटा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बड़े अधिकारियों को तलब किया। मानसून समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि मुंबई और आसपास के इलाकों में जलभराव हुआ तो संबंधित अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी ।
मौसम विभाग के मुताबिक 31 मई को केरल में मानसून आ जाएगा। केरल से मुंबई आने में मानसून 6-7 दिन का समय लेता है यानी हर साल की अपेक्षा इस साल प्रदेश में मानसून समय से पहले आएगा और मुंबई में 7-8 जून से मानसूनी बारिश शुरु हो सकती है। उसके दो दिन पहले मानसून के पहले वाली फुहारें मुंबई को भिगो सकती है।
बारिश से लोगों को चिलचिलाती गर्मी से निजात मिल जाएगी लेकिन मानसूनी मुसिबत की चुनौती झेलनी पड़ सकती है क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव के कारण मानसून के पहले होने वाला काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है। मानसून से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बारिश की तैयारियों में जुट गए हैं। सड़कों और नालों के काम देखने मौके पर पहुंच रहे है साथ ही नगर निगम अधिकारियों को जलभराव को लेकर चेतावनी भी दे रहे हैं।
बीएमसी और रेलवे अधिकारियों ने संयुक्त रूप से प्री मॉनसून तैयारियों का कई स्टेशनों पर जायजा लिया। बारिश के दौरान किसी तरह की दुर्घटना न हो इसके मद्देनजर बीएमसी ने सैंडहर्स्ट रोड रेलवे लाइन के आसपास की 15 से अधिक इमारतों को नोटिस दिया।
बीएमसी नोटिस देकर इन इमारतों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वह ऐसे पुख्ता इंतजाम करें कि बारिश के दौरान कोई दुर्घटना न हो, जिससे रेलवे सेवा प्रभावित हो। इसमें इमारतों के ऊपर लगे शेड, घरों के ऊपर लगे शेड, दीवार आदि की मजबूती आवश्यक है। यदि बारिश के दौरान इन इमारतों की वज़ह से रेलवे को कोई नुकसान होता है, तो उसके लिए सोसायटी या घर मालिक जिम्मेदार होगा। प्री-मॉनसून तैयारियों में जुटी बीएमसी ने रेलवे से उसके क्षेत्र के नालों, कलवर्ट की सफाई और रेलवे ट्रैक से गाद हटाने का निर्देश दिया है।
मुंबई और आसपास की महानगर पालिकाएं जर्जर इमारतों की पहचान करके उन्हे खाली करने में जुटी है। बीएमसी ने 188 इमारतों को नोटिस दिया है। ठाणे नगर निगम ने 4,000 से अधिक जर्जर इमारतों की पहचान की है और इनमें से कुछ में रहने वाले लोगों को अपने घर खाली करने के लिए कहा गया है। इसी तरह मीरा भायंदर, कल्याण-डोबिवली, नवी मुंबई, वसई विरार महानगरपालिका ने अपने इलाकों की जर्जर इमारतों की पहचान करके उन्हे खाली करने को कहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल ही में नगरपालिका अधिकारियों को मानसून से पहले, जर्जर इमारतों में रह रहे लोगों को वहां से हटाने और उन्हें दूसरी जगहों पर भेजने का कार्य तेजी से करने का निर्देश दिया था।
मुख्यमंत्री की चेतावनी पर बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव संपन्न कराने में अभी तक हम लोग लगे थे। बारिश के समय रात रात भर हम लोग काम करते हैं इसके बावजूद हमें ही धमकी दी जाती है कि जलभराव हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।