महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। मराठा क्रांति मोर्चा और अन्य मराठा संगठन भी विशाल जनमोर्चा लेकर मुंबई आने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार ने उम्मीद जताई है कि मनोज जरांगे पाटिल को मराठा आरक्षण के लिए मुंबई नहीं आना होगा। मराठा आरक्षण मामले को हल करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे से बात की लेकिन वह बात बनती नजर नहीं आ रही है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मंगलवार को मराठा आरक्षण उप-समिति की बैठक हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मनोज जरांगे-पाटील से बातचीत की और सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। जरांगे-पाटील ने मुख्यमंत्री से कहा कि मराठा-कुणबी प्रमाण पत्र का काम चल रहा है, राज्य के वरिष्ठ अधिकारी काम कर रहे हैं। लेकिन छोटे अधिकारी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराते हैं। हमने चार मांगें सरकार के समक्ष रखी थीं, लेकिन कोई काम नहीं हुआ। हमने आपको 7 महीने का समय दिया। अब 20 जनवरी तक मराठा आरक्षण देने का अनुरोध कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिंदे ने जरांगे-पाटील को बताया कि शिंदे कमेटी कुणबी प्रमाण पत्र को लेकर अभिलेखों की जांच कर रही है। इसका लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। जरांगे-पाटील ने पलटवार करते हुए कहा कि कुछ जातिवादी अधिकारी कुणबी रिकॉर्ड में गड़बड़ी कर रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी एवं पालिका आयुक्त ने पिछड़ावर्ग आयोग के जरिये किये जा रहे सर्वेक्षण को प्राथमिकता देना है और अपने-अपने जिले में विशेष कक्ष के माध्यम से समयबद्ध पद्धति से सर्वेक्षण का काम पूरा करना है। सर्वेक्षण करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को प्रश्नावली भेजी गई है। गोखले इन्स्टिट्यूट के जरिये प्रश्नावली बनाकर वह जिलों को दी गई है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय में क्युरेटिव्ह याचिका पर भी सुनवाई होगी । इसलिए मराठा समाज का पिछड़ापण साबित करने के लिए यह सर्वेक्षण अच्छी तरह से होना जरुरी है, यह बात जिलाधिकारी व विभागीय आयुक्तों ने ध्यान रखना चाहिए । राज्य पिछड़ावर्ग आयोग को 367 करोड़ रुपये निधि उपलब्ध कराया गया है और मानव संसाधन एवं अन्य बातों को प्रतिपूर्ति भी की गई है।
मनोज जारांगे-पाटिल ने चेतावनी दी कि कम से कम तीन करोड़ मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए दबाव बनाने के लिए 20 जनवरी से मुंबई की घेराबंदी करेंगे । जरांगे ने कहा कि 20 जनवरी से, लोग पूरे महाराष्ट्र में अपने कस्बों और गांवों को छोड़ देंगे, वे पैदल, बसों, बड़े और छोटे वाहनों या ट्रैक्टरों में आएंगे। यह एक शांतिपूर्ण मार्च होगा, कोई भी पत्थर नहीं उठाएगा या हिंसा का सहारा नहीं लेगा ।
जारांगे ने अपने समर्थकों से बिना किसी डर के मुंबई पहुंचने का आह्वान किया। जारांगे-पाटिल भी जालना में अपने गांव अंतरवली-सरती से मुंबई के लिए पैदल यात्रा शुरू करेंगे, जो मुंबई से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी है ।
जारांगे-पाटिल ने कहा कि लक्ष्य आरक्षण है, दिशा मुंबई है, हम मुंबई जा रहे हैं, यानी हम वहां जा रहे हैं, अब कोई रुकना नहीं है और हम कोटा लेकर वापस आएंगे । अगस्त से आंदोलन कर रहे जारांगे-पाटिल ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार को कोटा घोषित करने के लिए पर्याप्त समय दिया है, और अब, हम एक घंटा भी अतिरिक्त नहीं देंगे ।
जारांगे ने कहा कि अगर मार्च करने वालों या उनके वाहनों को कहीं भी रोका गया, तो हजारों मराठा मुंबई और नागपुर में उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के घरों को घेर लेंगे। हमें मुंबई के सभी मैदानों पर कब्जा करने की आवश्यकता होगी, क्योंकि पूरे महाराष्ट्र से तीन करोड़ मराठों के यहां आने की उम्मीद है।