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Maharashtra Politics: सर्वे विज्ञापन में मोदी-शिंदे की जोड़ी हिट! फडणवीस की लोकप्रियता घटी

विज्ञापन के सर्वे के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को 30.2 फीसदी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे ) को 16.2 फीसदी लोग पसंद करते हैं।

Last Updated- June 13, 2023 | 9:30 PM IST
Maharashtra CM Eknath Shinde

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने आज एक विज्ञापन के माध्यम से अपने को जनता का सबसे पसंदीदा नेता बताया तो राज्य में राजनीतिक बहस छिड़ गई।

इस विज्ञापन में शिंदे को फडणवीस से ज्यादा लोकप्रिय बताया गया जबकि इसके पहले को सर्वे में शिंदे की लोकप्रियता को हासिए में खड़ा किया गया था। पहले के सर्वे में महाविकास अघाड़ी (MVA) भाजपा-शिवसेना पर भारी दिख रही थी जबकि शिवसेना के विज्ञापन में मोदी-शिंदे को जनता की पहली पसंद बताया गया है।

महाराष्ट्र में अब तक दो सर्वे सामने आये थे जिनमें दावा किया गया था कि भाजपा सबसे बड़ा जरुर होगा लेकिन लोकसभा चुनाव में एमवीए को ज्यादा सीटें मिलेंगी। शिवसेना ने मंगलवार को विभिन्न अखबारों में पूरे पन्ने का विज्ञापन जारी किया।

विज्ञापन के सर्वे के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को 30.2 फीसदी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे ) को 16.2 फीसदी लोग पसंद करते हैं। यानी कि महाराष्ट्र के 46.4 फीसदी लोग भाजपा और शिवसेना की जोड़ी को ही फिर से सत्ता में चाहते हैं।

मुख्यमंत्री पद के लिए महाराष्ट्र के 26.1 फीसदी लोग एकनाथ शिंदे को और 23.2 फीसदी लोग देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं। यानी कि महाराष्ट्र के 49.3 फीसदी लोग फिर से इस जोड़ी को पसंद करने पर अपनी मुहर लगाते हैं। विज्ञापन में प्रस्तुत आंकड़े और दावे जी टीवी-मेट्राइज सर्वेक्षण के हवाले से दिये गये हैं।

राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे

राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के नाम से प्रकाशित विज्ञापन में ऊपर शिवसेना का चुनाव चिह्न तीर-कमान तो है लेकिन शिवसेना संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की कोई तस्वीर नहीं है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिंदे की तस्वीर हैं।

विज्ञापन पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि पहले यह बालासाहेब की शिवसेना होती थी, लेकिन विज्ञापन ने स्थिति साफ कर दी है। अब यह मोदी-शाह की शिवसेना बन गयी है। विज्ञापन में बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर कहां है? वहीं शिवसेना नेता और राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि शिंदे और फडणवीस भाइयों की तरह काम कर रहे हैं और विपक्ष इससे ईर्ष्या करता है।

राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने दावा किया कि इस विज्ञापन से उन लोगों को दुख हुआ होगा जिन्होंने पहले नारा दिया था कि देश में नरेन्द्र, राज्य में देवेंद्र और फिर भारी मन से शिंदे को मुख्यमंत्री के रुप में स्वीकार कर लिया। अब महाराष्ट्र में भाजपा बनाम शिवसेना का नाटक शुरू हो गया है।

राकांपा नेता महेश तापसे ने कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस का कद छोटा करने की कोशिश कर रहे हैं और विज्ञापन दिखाता है कि मुख्यमंत्री और भाजपा के बीच सब ठीक नहीं है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने विज्ञापन को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि हमेशा चुनाव परिणाम तय करते हैं कि मतदाताओं को कौन सी पार्टी या नेता पसंद है। महाराष्ट्र की जनता ने राज्य स्तरीय नेता के तौर पर दो बार फडणवीस को तरजीह दी है। शिवसेना और भाजपा में ऐसी कोई तुलना नहीं है कि कौन बड़ी पार्टी है और कौन छोटी।

महाराष्ट्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने इसे झूठा सर्वेक्षण बताते हुए कहा कि चुनाव हो जाएं तो महा विकास आघाड़ी निश्चित रूप से महाराष्ट्र में जीतेगी और शिंदे के बारे में एक नई कहानी लिखी जाएगी कि एक समय कोई शिंदे होते थे।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मराठी मीडिया ग्रुप सकाल ने एक सर्वे किया था। जिसमें कहा गया था कि एमवीए को 47.7 फीसदी वोट मिल सकते हैं। हालांकि भाजपा को राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर 33.8 फीसदी जबकि एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना को महज 5.5 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई थी। यानी कुल मिलाकर दोनों दलों को 39.8 फीसदी वोट मिल सकते हैं जो कि एमवीए से 8 फीसदी कम हैं।

एमवीए में सबसे ज्यादा कांग्रेस को 19.9 फीसदी , एनसीपी को 15.3 फीसदी जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 12.5 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई थी। इसके अलावा वंचित बहुजन अघाड़ी को 2.9 फीसदी, स्वाभिमानी शेतकारी पक्ष को 0.7 फीसदी, ओवैसी की एआईएमआईएम को 0.6 फीसदी वोट और केसीआर की बीआरएस को 0.5 फीसदी वोट मिलने की संभावना व्यक्त की गई थी।

First Published - June 13, 2023 | 8:31 PM IST

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