महाराष्ट्र का सियासी घमासन चरम पर है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुश्किलें चौतरफा बढ़ती जा रही है। उद्धव गुट में एक और टूट के संकेत मिल रहे हैं तो सहयोगी दल कांग्रेस और एनसीपी की अंर्तकलह खुलकर सामने आ रही है।
उद्धव की सहयोगी पार्टियों के अलावा उनके सबसे खास संजय राउत पर भी शिकंजा लगातार कंश रहा है। जिसका फायदा उठाते हुए भाजपा विपक्षी दलों पर एक और करारा वार करने की तैयारी में है। मुंबई और आसपास के इलाकों में इस समय राजनीतिक दलों के भीतर और बाहर पोस्टर वार खुलकर देखने को मिल रहा है।
मुंबई से सटे ठाणे में शिंदे समर्थकों ने कुछ स्थानों पर एक होर्डिंग लगाया है, जो चर्चा में आ गया है। इस होर्डिंग में आकाश से भगवान श्रीराम एकनाथ शिंदे को धनुष-बाण सौंप रहे हैं। दूसरी तरफ दिवंगत बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे का चित्र है, जो शिंदे को आशीर्वाद दे रहे हैं। ठाकरे आनंद दिघे को बता रहे हैं कि देखा आनंद, हमारे एकनाथ ने कांग्रेस, एनसीपी के चरणों में गिरवी रखा धनुष-बाण छुड़ाया है। उद्धव ठाकरे एक तरफ वो अदालत में पार्टी के नाम, चुनाव चिन्ह समेत एकनाथ शिंदे की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके ऊपर कानूनी शिंकजा भी कंसता जा रहा है।
अलीबाग स्थित 19 अवैध बंगलो के मामले में कोरलाई ग्रामपंचायत के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। यह एफआईआर भाजपा नेता एवं पूर्व सांसद किरीट सोमिया की शिकायत पर दर्ज हुई है। सोमैया ने बताया कि साल 2013-14 में उद्धव ठाकरे ने अन्वय नाइक से साढ़े नौ एकड़ जमीन और 19 बंगले खरीदे थे। जिसे बाद में उन्होंने रश्मि ठाकरे के नाम पर कर दिया। उद्धव ठाकरे ने चुनावी हलफनामे में जमीन का जिक्र तो किया लेकिन 19 बंगलो को नहीं दिखाया। सोमैया कहते हैं कि अभी तो इस मामले एफआईआर दर्ज हुई है, छानबीन शुरू हुई है। जल्द ही जांच में रश्मि ठाकरे और उद्धव ठाकरे का भी नाम सामने आएगा।
महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार उद्धव सेना पर एक और टूट के संकेत देते हुए कहा है कि फिलहाल चालीस शेरों को शिफ्ट किया गया था, बाकी बचे जख्मी शेरों को जल्द रेस्क्यू करेंगे। उनके लिए हम रेस्क्यू सेंटर भी बना रहे हैं। शेर चाहे जंगल के हों या फिर राजनीति के हमने उन्हें उचित जगह पर ट्रांसफर करना शुरू किया है। अब यह रेस्क्यू सेंटर कहां बनाया जा रहा है, इसको लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
शिवसेना के बाद अब महाराष्ट्र कांग्रेस में भी आपसी खींचतान चरम पर है। कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को पद से हटाने की मांग की जा रही है। कांग्रेस के 24 नेताओं ने नाना पटोले को पद से हटाकर उनकी जगह शिवाजीराव मोघे को नया अध्यक्ष बनाने की मांग की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर गुटबाजी करने और दलित मुस्लमानों और आदिवासियों को अलग करने का आरोप लगाया जा रहा है। पटोले को हटाने की मांग को लेकर ये कांग्रेसी नेता जल्द ही रायपुर में कांग्रेस अधिवेशन में आलाकमान से मुलाकात करने वाले हैं।
इन दिनों शरद पवार की एनसीपी प्रदेश कार्यालय के बाहर एनसीपी नेताओं को भावी मुख्यमंत्री घोषित करने वाली होर्डिंग लगाओ स्पर्धा चल रही है। जयंत पाटील और अजित पवार के बाद अब सुप्रिया सुले के समर्थकों ने उन्हें भावी मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने वाला होर्डिंग लगाया। बैनर में सुप्रिया सुले को महाराष्ट्र की पहली भावी महिला मुख्यमंत्री बनाया गया है। दो दिन पहले मुंबई में एनसीपी के दफ्तर के बाहर अजित पवार का बैनर लगा था। जिसमें महाराष्ट्र के भावी मुख्यमंत्री, एक ही दादा एक ही वादा, अजित दादा लिखा गया था। उससे पहले जयंत पाटील के जन्मदिन के बैनर ने भी उन्हें महाराष्ट्र के भावी मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया था। इससे पता चल रहा है कि शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में तीन गुटों के बीच रस्साकशी चल रही है। अजित पवार इसे गंभीरता से न लेने को कहा रहे हैं।
एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील का कहना है कि महाविकास आघाडी आगामी विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेगी। मुझे विश्वास है कि महाविकास आघाडी सरकार चुनाव के बाद सत्ता में आएगी। लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा? यह अंकों के आधार पर होगा। शिवसेना भी चुनाव मिलकर लड़ने को कह रही है हालांकि कांग्रेस समय समय पर अपने बयान बदल रही है जो विपक्षी एकता पर संसय पैदा करती है।