महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में रेलवे परियोजनाओं का 50 फीसदी खर्च न उठाने के पूर्ववर्ती एमवीए सरकार के फैसले को पलट दिया है और सांसदों से विभिन्न लंबित परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कहा है।
राज्य के हित में महाराष्ट्र के सांसद एकजुट होकर संसद में आवाज उठाएंगे ताकि केन्द्र सरकार से ज्यादा से ज्यादा राशि और प्रस्तावों को मंजूरी मिले।
महाराष्ट्र के लोकसभा सांसदों से बात करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि आम आदमी के लिए लाभकारी कई परियोजनाएं केंद्र सरकार के समक्ष लंबित हैं।
उन्होंने कहा, हमें उनमें तेजी लाने तथा उन्हें आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। संसद सदस्य राज्य के विकास के लिए योगदान देनेवाले जनप्रतिनिधि है। अपने सांसद देश के सर्वोच्च सभागार में महाराष्ट्र का बुलंद आवाज हैं, यह आवाज जितनी बुलंद होगी, उतनी विकास की योजना और निधि राज्य में आएगा। इसके लिए हम सबके द्वारा एकत्रित आकर केंद्र सरकार की ओर प्रलंबित प्रस्तावों के बारे में फॉलोअप लें। सतत फॉलोअप लेनेवाली यंत्रणा तैयार कर महाराष्ट्र सदन के निवासी आयुक्त द्वारा केंद्रीय मंत्रालय और राज्य के विभिन्न विभागों के बीच पुल के रूप में कार्य करें।”
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रेलवे परियोजनाओं में 50 प्रतिशत का योगदान न देने के पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय को अब पलट दिया गया है। राज्य सरकार की ओर 50 फीसदी निधि देने का निर्णय लिया गया है।
फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से 1400 करोड़ रुपये मिले है। सबके द्वारा उपयोगिता प्रमाणपत्र दिया जाए, ताकि केंद्र सरकार की ओर से निधि मिलने में मदद होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र को केंद्र सरकार से पर्याप्त निधि मिल रहा है और हाल ही में प्रधानमंत्री ने राज्य के नगर विकास विभाग के 15 हजार करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। आवश्यक उपयोगिता प्रमाण-पत्र समय पर भिजवायें ताकि राज्य को केन्द्र सरकार से समय पर आवश्यक निधि प्राप्त हो सके। मं
त्रालय के विभिन्न विभागों के सचिव इस ओर ध्यान दें। शिंदे ने यह भी कहा कि सांसदों से मिली प्रतिक्रिया पर गौर किया जाएगा तथा स्थिति का जायजा लेने के लिए दो महीने बाद एक और बैठक होगी।