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तीन साल में 45,935 लोगों की मौत! कैसे सड़क हादसों की वजह से लाल हो रही हैं महाराष्ट्र की सड़कें

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक नेकहा कि राज्य में पिछले तीन वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है।

Last Updated- March 11, 2025 | 8:13 PM IST
road accident
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels

सड़क हादसों में कमी लाने के एक के बाद कई कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन सड़क हादसों में मरने वाली की संख्या चिंताजनक बनी हुई है। महाराष्ट्र में पिछले तीन सालों में कुल 104,710 सड़क दुर्घटनाओं में 45935 लोगों की मौत हुई है। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह नशा करके गाड़ी चलाना है। नशेड़ियों की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार आधुनिक मशीनें खरीदने का निर्णय लिया है।

राज्य विधानसभा में सड़क दुर्घटनाओं से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक नेकहा कि राज्य में पिछले तीन वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है और उनका विभाग शराब के अलावा, मादक पदार्थ का सेवन कर वाहन चलाने वालों की जांच के लिए मशीन खरीद रहा है। मंत्री ने बताया कि 2022 में 33,383 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 15,224 लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि 2023 में यह दुर्घटनाएं बढ़कर 35,243 हो गई और इनमें 15,366 लोगों की जान चली गई। 2024 में 36,084 सड़क हादसों में 15,335 लोगों की मौत हो गई। इस तरह । महाराष्ट्र में पिछले तीन सालों में कुल 104,710 सड़क दुर्घटनाओं में 45935 लोगों की मौत हुई है।

शराब पीकर ड्राइविंग एक बड़ा कारण

शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले सामने आते हैं और पुलिस इसकी जांच करती है। ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिसमें चालक मादक पदार्थ का सेवन करते हुए भी पकड़े गए हैं। सरनाईक ने कहा कि परिवहन विभाग ऐसी मशीनें खरीद रहा है जो शराब के साथ-साथ यह भी पता लगा सकती है कि वाहन चालक ने किसी अन्य मादक पदार्थ का सेवन किया है या नहीं। यातायात नियमों के उल्लंघन और संभावित जुर्माने को लेकर वाहन चालकों को सचेत करने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, मंत्री ने यह स्वीकार किया कि राज्य अब तक ‘हाईवे इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ को लागू नहीं कर पाया है।

मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में सड़क हादसों को कम करने के लिए रडार आधारित इंटरसेप्टर वाहन तैनात किए जा रहे हैं। जो प्रति घंटे 1000 ई चालान भेज सकते हैं। वे चालू हो जाएंगे। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इन वाहनों के संचालन में आने के बाद राज्य भर में मौतों में कमी आ सकती है। आंकड़ों में सामने आया है कि राज्य में 64 फीसदी मौतें दोपहिया वाहन सवार या पीछे बैठे लोगों की हुई हैं। जिनमें से 80 फीसदी दुर्घटना स्थल पर बिना हेलमेट के पाए गए थे।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल संसद में सड़कों हादसों में कमी नहीं आने पर माफी मांगी थी। गडकरी ने कहा था कि हादसों को घटाने के सभी के सहयोग की जरूरत है। गडकरी ने कुछ दिन पहले सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों के कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम का ऐलान किया और घायलों की मदद करने वालों को 25 हजार रुपये का इनामी राशि देने का भी ऐलान किया है ।

First Published - March 11, 2025 | 8:07 PM IST

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