कोरोना ने एक बार फिर से देश में पाव पसारने शुरू कर दिए हैं। महाराष्ट्र में भी कोविड के नए वेरिएंट जेएन 1 की एंट्री हो गई है। राज्य सरकार ने पूरे राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में स्ट्रक्चरल (संरचनात्मक), इलेक्ट्रीक और फायर ऑडिट का काम शुरु कर दिया।
अस्पतालों में आइसोलेशन और ऑक्सीजन बेड्स भी तैयार किये जा रहे हैं। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने इंफ्लूएंजा के सारे मरीजों को स्कैन करने के आदेश दिए हैं। नागरिकों से मास्क पहनने की अपील की गई है।
राज्य में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन-वन पाए जाने से हड़कप मच गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्वास्थ्य विभाग एवं जिला अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि ऑक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन पाइपलाइन, आरटीपीसीआर लैब, डयूरा/लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट ये सभी सुव्यवस्थित हैं क्या, इसकी जांच की जानी चाहिए और उचित तरीके से यह काम कर रही है या नहीं यह सुनिश्चित करें।
इसके साथ ही टीकाकरण की भी समीक्षा करें, जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है उनकी जानकारी जुटाएं और टीकाकरण करने की दृष्टि से तैयारी करें। टीका और दवाओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करें। एक टास्क फोर्स गठित करके कोविड सेंटर, आइसोलेशन बेड्स, आईसीयू बेड्स, वेंटिलेटर बेड्स की वर्तमान स्थिति का आंकलन किया जाए ।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि पिछले अनुभवों के आधार पर अब भी राज्य की व्यवस्था पूरी तरह से सतर्क और तैयार है। सरकारी तंत्र एकजुटता के साथ किसी भी स्थिति से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। मशीनरी, दवा भंडार, अन्य सामग्रियां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इसलिए लोगों को घबडाने की जरुरत नहीं है। बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है। आगामी त्योहारों और नये साल के जश्न के मद्देनजर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाते समय मास्क का इस्तेमाल करें। अफवाहों पर ध्यान न दे, केवल आधिकारिक सूचना का ही इस्तेमाल करें।
नए वेरिएंट की प्रदेश में एंट्री के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर प्रतिकूल श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) रोगियों की निगरानी को मजबूत करने के लिए कहा है।
जिलों को ऐसे रोगियों का परीक्षण करने और जीनोम अनुक्रमण के लिए सकारात्मक नमूने भेजने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मिलिंद म्हैसकर ने कहा कि जिलों को जांच बढ़ाने के लिए कहा गया है क्योंकि पर्याप्त किट उपलब्ध हैं। महाराष्ट्र के पास लगभग 3.3 लाख आरटी-पीसीआर किट और 16.8 लाख से अधिक रैपिड एंटीजन किट हैं। सभी अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन है।