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मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसक होने के बाद सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

CM एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि OBC आयोग मराठा समुदाय के शैक्षिक और सामाजिक पिछड़ेपन का आकलन करेगा।

Last Updated- October 31, 2023 | 6:49 PM IST
Government holds anti-terrorist all-party meeting after violent National Movement

महाराष्ट्र में चल रहा मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसक हो गया। राज्य के कई हिस्सों से आगजनी, तोड़फोड और पथराव की की खबरें लगातार आ रही है। स्थित को काबू में करने के लिए कुछ शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया जबकि कई जगह इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ी है। मराठाओं के आरक्षण के लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरु कर दी। मराठा को कुनबी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया सरकार ने स्वीकार करने के साथ मुख्यमंत्री ने मराठा आंदोलनकारी जरांगे को फोन पर आश्वासन भी दिया। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल सरकार को निशाने पर ले रहे हैं।

मराठा आरक्षण आंदोलन लगभग राज्य के हर हिस्से में फैलने के साथ हिंसक प्रदर्शन का रुप ले लिया। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस को जाम कर दिया गया। हिंसा की वजह से बीड और उस्मानाबाद में कर्फ्यू लगा दिया गया है। यहां इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इस मुददे पर सरकार ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठा को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया तय करने के लिए नियुक्त उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे की अध्यक्षता वाली समिति की पहली रिपोर्ट मंगलवार को स्वीकार कर ली।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि ओबीसी आयोग मराठा समुदाय के शैक्षिक और सामाजिक पिछड़ेपन का आकलन करने के लिए नए आंकड़े एकत्र करेगा।

मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया कि न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) संदीप शिंदे समिति की पहली रिपोर्ट सौंपी गई है। मराठा को कुनबी प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि मराठा आरक्षण की मांग से संबंधित कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश दिलीप भोसले, सेवानिवृत्त न्यायाधीश शिंदे और मारुति गायकवाड़ की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा।

पिछले महीने, मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करने को लेकर न्यायमूर्ति शिंदे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पैनल का गठन किया गया था। इसमें समुदाय के ऐसे लोग हैं जिनके पूर्वजों को निजाम-काल के दस्तावेजों में कुनबी के रूप में संदर्भित किया गया था। वर्तमान महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र 1948 तक हैदराबाद रियासत का हिस्सा था। पिछले सप्ताह समिति को 24 दिसंबर तक का विस्तार दिया गया था।

मुख्यमंत्री शिंदे ने सुबह जरांगे से फोन पर बात की और आश्वासन दिया था कि मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र देने पर मंत्रिमंडल की बैठक में ठोस निर्णय लिया जाएगा। कार्यकर्ता ने मांग की है कि राज्य भर में मराठा को कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाए।

शिंदे ने जरांगे को यह भी बताया कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण मुद्दे को लेकर उच्चतम न्यायालय में सुधारात्मक याचिका दायर करने के लिए तैयार है। उच्चतम न्यायालय ने मई 2021 में मराठा समुदाय को आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र के सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग कानून, 2018 को 50 फीसदी की आरक्षण सीमा का उल्लंघन करने के लिए रद्द कर दिया था।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र से संसद का एक विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण के मुद्दे को हल करने की मांग की। महाराष्ट्र के सभी केंद्रीय मंत्रियों को मंत्रिमंडल बैठक में आरक्षण के मुद्दे को उठाना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से यह भी अनुरोध किया कि अगर मराठा समुदाय की मांग पूरी नहीं की जाती है तो वे इस्तीफ दे दें।

महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह भाजपा द्वारा लगायी आग है और सरकार के गलत फैसले तथा उसके झूठे आश्वासन के कारण राज्य अस्थिर बन गया है। हमने राज्यपाल से इस मुद्दे का हल तलाशने के लिए राज्य विधानसभा का तीन से पांच दिन का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल देशमुख ने कहा कि मराठा आरक्षण का मुद्दा दिन-ब-दिन जटिल होता जा रहा है। सरकार ने 30 दिन में हल ढूंढने का वादा किया था लेकिन इसे पूरा नहीं कर पायी।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में मराठा आरक्षण के समर्थन में कई संगठनों ने आंदोलन शुरु कर दिया है। मराठा आरक्षण आंदोलन राज्य में कई स्थानों पर हिंसक हो गया है और प्रदर्शनकारियों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं के आवासों में तोड़फोड़ की है। बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी के बाद धाराशिव जिले और बीड जिले के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे के अनिश्चितकालीन अनशन और राज्य के कुछ हिस्सों में इस मांग को लेकर हिंसा की घटनाओं के बीच यह फैसला आया है। जरांगे 25 अक्टूबर से जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं।

First Published - October 31, 2023 | 6:49 PM IST

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