महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों के नतीजों के पहले महायुति (एनडीए) में घमासान मचा है। भाजपा ने महाराष्ट्र विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनावों के लिए कोंकण डिवीजन स्नातक, मुंबई स्नातक और मुंबई शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की । राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने कोकण सीट पर पहले ही अपने उम्मीदवार की घोषणा कर चुकी है। मनसे और भाजपा के बाद शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने भी यहां से लड़ने का ऐलान कर दिया है।
भाजपा ने निरंजन डावखरे को कोंकण विभाग स्नातक से, किरण रविंद्र शेलार को मुंबई स्नातक से और शिवनाथ हिरामन दराडे को मुंबई शिक्षक से उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा चुनावों के दौरान दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद मनसे NDA में आई थी। राज ठाकरे ने बिना शर्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन देने का ऐलान किया था, लेकिन राज्य में विधान परिषद चुनावों का ऐलान होने पर मनसे ने कोकण से उम्मीदवार उतार दिया। इस सीट पर भाजपा ने अपना उम्मीदवार उतार कर मनसे को झटका दिया तो शिवसेना के भी मैदान में कूदने से स्थिति पेचीदा हो गई है।
कोकण सीट को लेकर महाराष्ट्र में भाजपा की अगुवाई वाली महायुति में ही त्रिकोणीय लड़ाई हो गई है। कोकण सीट की लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है। इस सीट पर मनसे ने अभिजीत पानसे को मैदान में उतारा है तो भाजपा अपने वर्तमान विधायक निरंजन डावखरे के नाम की घोषणा कर दी। इस सीट पर शिवसेना सचिव संजय मोरे को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि महाविकास आघाड़ी (इंडी गठबंधन ) में यह सीट कांग्रेस को मिली है। कांग्रेस ने रमेश कीर को उतारा है।
शिवसेना (यूबीटी) ने एमएलसी अनिल परब और पार्टी पदाधिकारी जेएम अभयंकर को मुंबई ग्रेजुएट और मुंबई टीचर्स निर्वाचन क्षेत्र के लिए उम्मीदवार घोषित किया। अनिल परब महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में पूर्व राज्य परिवहन मंत्री थे। जेएम अभयंकर शिवसेना टीचर्स सेल के प्रमुख हैं।
राज्य में परिषद चुनाव के लिए 26 जून को मतदान होने वाला है। नामांकन भरने की अंतिम तिथि सात जून है और परिणाम एक जुलाई को घोषित किए जाएंगे। चार विधान परिषद सीटों मुंबई ग्रेजुएट, कोंकण ग्रेजुएट, मुंबई टीचर्स और नासिक टीचर्स के लिए प्रत्येक दो वर्षों में चुनाव आवश्यक हो गए, क्योंकि मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है।
महाराष्ट्र विधान परिषद की 78 सीटों में शिवसेना (अविभाजित) के 11, राकांपा (अविभाजित) के नौ, कांग्रेस के आठ और भाजपा के 22 सदस्य हैं। इसके अलावा जदयू के राष्ट्रीय समाज पक्ष के एक-एक और निर्दलीय के चार सदस्य और 21 सीटें खाली हैं।