महाराष्ट्र विधानसभा में माल एवं सेवा कर (GST) संशोधन विधेयक 2023 पारित किया गया। महाराष्ट्र विधानसभा ने शुक्रवार को खेल, सट्टेबाजी, कैसीनो, घुड़दौड़ और लॉटरी को 28 फीसदी जीएसटी की उच्च श्रेणी में रखने के लिए संशोधन कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी।
महाराष्ट्र संपत्ति और सेवा कर अधिनियम 2017 में संशोधन करने के लिए मसौदा कानून उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजीत पवार पेश किया ।
जीएसटी में ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग (घुड़दौड़) और अन्य वर्गों की परिभाषा में व्यापकता और स्पष्टता लाने के लिए उपमुख्यमंत्री और वित्त एवं योजना मंत्री अजीत पवार द्वारा विधान सभा में पेश किए गए जीएसटी संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी गई।
सदन में जीएसटी संशोधन विधेयक पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद कर संबंधी निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाता है। इसके लिए राज्यों को अधिनियम में संशोधन करना होगा। ऑनलाइन गेमिंग और हॉर्स रेसिंग और कुछ अन्य छोटे खंडों पर अधिक व्यापकता की आवश्यकता थी।
पवार ने कहा कि हाल ही में 18 अगस्त 2023 को केंद्र सरकार ने उप समिति की अनुशंसा के अनुरूप केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन किया है। अब केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम और महाराष्ट्र वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के बीच समानता लाने की आवश्यकता थी। इसलिए, हम महाराष्ट्र माल और सेवा कर अधिनियम में संशोधन कर रहे हैं। इसमें सुधार की तत्काल आवश्यकता थी।
लेकिन उस वक्त सत्र शुरू नहीं हुआ था, इसलिए सरकार ने 26 सितंबर, 2023 को महाराष्ट्र माल और सेवा कर संशोधन अध्यादेश, 2023 जारी किया था। अब इस अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए हम ये बिल लेकर आये हैं।
वित्त मंत्री अजीत पवार जीएसटी संशोधन विधेयक को पेश करते हुए कहा कि इन गेम संचालकों का रवैया ऑनलाइन गेमिंग के संबंध में कमियां निकालना और कम टैक्स देना था। इस पर अंकुश लगाने के लिए एवं ली जाने वाली फीस पर केवल 18 फीसदी कर का भुगतान कर रहे थे क्योंकि ऑनलाइन गेम कौशल का खेल की श्रेणी में शामिल था। इन सभी खेलों को 28 फीसदी स्लैब के अंदर लाने की जरूरत थी । अत: इस संबंध में नियुक्त अध्ययन समिति ने निष्कर्ष निकाला कि ये खेल कौशल का खेल नहीं बल्कि मौके का खेल हैं।
इस संबंध में उप समिति ने जीएसटी काउंसिल से कुल टर्नओवर राशि पर 28 फीसदी टैक्स लगाने की सिफारिश की थी। परिषद ने भी सिफारिश को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद संसद के दोनों सदनों ने पिछले सत्र में उसी संशोधन को पारित कर दिया। हमारे राज्य के कानून में बदलाव के लिए आज ये बिल पेश किया गया है। वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन सेवाओं का कुल कारोबार हजारों करोड़ रुपये है और इन पर कर लगने से राज्य को निश्चित रूप से लाभ होगा ।