किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अपने वादों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना 2024 की शुरुआत की जिसके तहत राज्य के 44 लाख किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी। पिछले खरीफ सीजन में कपास और सोयाबीन की खराब हुई फसलों को प्रति हेक्टेयर पांच हजार रुपये की सब्सिडी का वितरण शुरू कर दिया गया। इसके अलावा प्याज किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार ने प्याज महाबैंक बनाने की तैयारी शुरू की है।
महाराष्ट्र के किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की परेशानी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना 2024 की शुरुआत की है। योजना के तहत अप्रैल 2024 से 7.5 हॉर्सपावर तक की क्षमता वाले कृषि पंप का उपयोग करने वाले सभी किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी। यह योजना मार्च 2029 तक प्रभावी रहेगी। किसानों को मुफ्त बिजली देने के लिए 6,985 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
इसके अलावा बिजली की दरों में छूट के लिए अतिरिक्त 7,775 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस तरह बिजली की दरों में कुल 14,760 करोड़ रुपये की छूट दी जाएगी। इस योजना का फायदा राज्य के 44 लाख से ज्यादा किसानों को मिलेगा। महाराष्ट्र में 47.41 लाख कृषि पंप उपभोक्ता हैं। कुल बिजली उपभोक्ताओं में से 96 प्रतिशत उपभोक्ता कृषि पंपों का उपयोग करते हैं। महाराष्ट्र राज्य विनियामक आयोग के निर्देश के अनुसार पूरे राज्य में किसानों को कृषि पंप चलाने के लिए रात में 10 घंटे या दिन में आठ घंटे बिजली दी जाती है।
कृषि विभाग ने बजट में की गई घोषणा के मुताबिक 2023 के खरीफ सीजन में कपास और सोयाबीन किसानों को 5 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है। इस संबंध में कृषि विभाग की ओर से सरकारी आदेश जारी कर दिया गया है। सरकार ने कपास किसानों के लिए 1,548.34 करोड़ रुपये और सोयाबीन किसानों के लिए 2,646.34 करोड़ रुपये, कुल 4,194.98 करोड़ रुपये के निधि को मंजूरी दी गई है।
कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने जानकारी दी है कि वर्ष 2023 में कपास और सोयाबीन की गिरती कीमतों के साथ-साथ अधिकांश क्षेत्रों में कम वर्षा के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। लोकसभा चुनाव से पहले इन किसानों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा सरकार ने की थी, बजट में इसकी घोषणा की गई थी। जिसे कृषि विभाग ने लागू कर दिया है। दो हेक्टेयर तक प्रति हेक्टेयर 1,000 से 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता की मंजूरी दी गई है। पिछले साल आर्थिक नुकसान उठाने वाले लाखों किसानों को इसका फायदा मिलेगा।
राज्य सरकार ने प्याज की बर्बादी रोकने और भंडारण के लिए राज्य में परमाणु ऊर्जा पर आधारित प्याज महाबैंक परियोजना शुरू करने का फैसला किया है। इसका लाभ आम उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। प्याज महाबैंक परियोजना की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नासिक, छत्रपति संभाजी नगर और सोलापुर में तत्काल प्याज महाबैंक शुरू करने के निर्देश दिए। प्याज महाबैंक की संकल्पना की शुरुआत अहमदनगर जिले के राहुरी से होनेवाली है। हिंदुस्तान एग्रो संस्था के माध्यम से यहां प्याज बैंक शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में प्याज का उत्पादन अधिक है, वहां प्याज महाबैंक स्थापित किए जाएंगे।