मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन सिंह यादव ने उज्जैन में आयोजित दो दिवसीय ‘इन्वेस्ट मध्य प्रदेशः रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव’ के समापन समारोह के मौके पर कहा कि वह ‘बात कम करने, काम ज्यादा करने’ में विश्वास करते हैं।
राज्य में उद्योग का यह प्रमुख कार्यक्रम 2007 में शुरू होने के बाद पहली बार औद्योगिक राजधानी इंदौर से बाहर हुआ। लेकिन यह एकमात्र बदलाव नहीं है। कई अन्य परिवर्तन भी किए गए हैं। संभवतः पहली बाद मुख्य सम्मेलन के साथ साथ शिलान्यास कार्यक्रम और फैक्टरियों के उद्घाटन भी किए गए हैं। इससे यह संदेश देने की कवायद की गई है कि उद्योग सम्मेलन केवल समझौतों पर हस्ताक्षर करने का कार्यक्रम नहीं है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में 283 उद्योग समूहों के लिए 508 हेक्टेयर भूमि के आवंटन पत्र भी जारी किए। इस कदम से 12,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश आने और 26,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है।
यादव ने रिमोट से 61 इकाइयों का उद्घाटन किया, जिनमें 10,064 करोड़ रुपये निवेश हुए हैं और इनसे 17,000 से ज्यादा नई नौकरियों का सृजन हुआ है।
इतना ही नहीं, सभी उद्घाटन और भूमि पूजन में स्थानीय विधायक भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए, जो 20 से अधिक अलग-अलग स्थलों पर आयोजित कार्यक्रमों में मौजूद थे। यह उनके विधानसभा क्षेत्रों में लघु-उद्योग बैठकों को प्रतिबिंबित करता है। उनकी भागीदारी का उद्देश्य न केवल उन्हें स्वामित्व की भावना देना है बल्कि आगामी आम चुनावों के लिए तैयारी करना भी है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि जिला सम्मेलनों में स्थानीय भागीदारी होती है। राज्य के वित्त मंत्री और उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा भी इस तरह की एक बैठक में राज्य के नीमच जिले में आयोजित बैठक में उपस्थित थे। वहीं जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट एक अन्य जिले से इस कार्यक्रम में शामिल थे।
अगर आकार के हिसाब से देखें तो क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन बहुत छोटा था। दिसंबर 2022 में इंदौर में आयोजित सम्मेलन में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया था कि 2 दिन के आयोजन में राज्य में 15.42 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है, जिससे 29 लाख नौकरियों का सृजन होगा। इस बार मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन ने राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है। इसमें से सिर्फ अदाणी समूह ने 75,000 करोड़ रुपये निवेश का वादा किया है।
क्षेत्रीय कॉन्क्लेव में हिस्सेदारों की संख्या भी पहले के वैश्विक निवेशक सम्मेलन की तुलना में कम रही। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि यह क्षेत्रीय सम्मेलन था। यादव ने घोषणा की कि जबलपुर, ग्वालियर और रीवा जैसे शहरों में इसी तरह के अन्य क्षेत्रीय सम्मेलन कराए जाएंगे।
एक और उल्लेखनीय बदलाव निवेश आकर्षित करने के अभियान में सामाजिक क्षेत्र की पहल को जोड़ना है। यादव ने दूर-दराज के गरीब मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस सेवा की भी शुरुआत की, जिससे मरीजों को बड़े अस्पतालों में पहुंचाया जा सकेगा। उन्होंने जोर दिया कि उद्योग को सभी की बेहतरी के लिए काम करने की जरूरत है।