मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में जहरीले कफ सिरप के कारण करीब 24 बच्चों की मौत के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव गुरुवार को नागपुर पहुंचे और वहां के अस्पतालों में भर्ती बच्चों और उनके परिजन से मुलाकात कर उनका हालचाल लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जहरीले कफ सिरप के कारण जिस तरह हमारे बच्चों को किडनी की समस्या आई और मौत हुई। जिस राज्य में दवाई बनी वहां जाकर आज हमारे प्रदेश की पुलिस ने कार्रवाई भी की है लेकिन यह भी सही है कि तमिलनाडु सरकार को जिस प्रकार का सहयोग करना चाहिए वैसा सहयोग नहीं मिल रहा है। वहां के ड्रग कंट्रोलर को अमानक दवाओं की समुचित जांच करनी चाहिए थी। दवाइयां जहां बनती हैं, पूरी जिम्मेदारी उन राज्यों और उन कंपनियों की होती है। इसके बावजूद रैंडम सेंपल में गड़बड़ी मिलने पर हमने अपने प्रदेश के संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कदम उठाए हैं।’
मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का कारण बने कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी की टीम ने बुधवार रात चेन्नई में रंगनाथन को गिरफ्तार किया।
छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने बताया कि एसआईटी द्वारा रंगनाथन को चेन्नई के सैदापेट में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। उसकी ट्रांजिट रिमांड मांगी जाएगी। इसके बाद उसे छिंदवाड़ा लाया जाएगा।
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मामले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है। वकील विशाल तिवारी की याचिका में इस मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के जरिए विशेषज्ञों की समिति बनाकर कराए जाने की मांग की गई है।
उधर, कफ सिरप पीने के बाद किडनी फेल होने से जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात छिंदवाड़ा की उमरेठ तहसील के पचधार गांव के 3 वर्षीय मयंक सूर्यवंशी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह 25 सितंबर से नागपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती था।