बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को प्रदेश विधानसभा में आर्थिक समीक्षा के आंकड़े सामने आए जिससे प्रदेश की इकोनॉमी की स्थिति का आकलन सार्वजनिक हुआ।
समीक्षा के मुताबिक राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 13,22,821 करोड़ रुपये है। जबकि प्रति व्यक्ति आय (per person income) भी पिछले वर्ष की तुलना में 15 फीसदी से अधिक बढ़कर 1,40,583 रुपये हो गई है। प्रदेश सरकार अपना बजट बुधवार को पेश करेगी। चुनावी वर्ष का बजट होने के कारण सबकी निगाहें उस पर रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष प्रचलित मूल्य पर जीएसडीपी 11,36,137 करोड़ रुपये था जो अब 16.43 फीसदी बढ़कर 13,22,821 करोड़ रुपये हो गया है। इसी तरह प्रति व्यक्ति आय भी 1,21,594 रुपये से बढ़कर 1,40,583 रुपये हो गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आर्थिक समीक्षा के आंकड़ों पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है और प्रदेश ने वित्तीय अनुशासन और सुशासन के साथ सर्वसमावेशी विकास किया है।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के आंकड़ों को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘औद्योगिक विकास दर जो 2001-02 में 0.61 फीसदी ऋणात्मक थी वह 2022 में बढ़कर 24 फीसदी हो गई है। राज्य का कर संग्रहण बीते तीन सालों में औसतन 7.94 फीसदी की दर से बढ़ा है।’
समीक्षा के मुताबिक किसानों तथा एमएसएमई क्षेत्र के ऋण में क्रमश: 13.41 फीसदी तथा 30.22 फीसदी की वृद्धि हुई है। प्रदेश ने पांच लाख स्ट्रीट वेंडरों को 521 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 2002 के 71,594 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,32,000 करोड़ रुपये हो गया जबकि प्रति व्यक्ति आय भी 2002 के 11,718 रुपये से बढ़कर 2022-23 में 1,40,500 रुपये से अधिक हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2003 में जहां प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता केवल 5,173 मेगावॉट थी वह अब बढ़कर 28,000 मेगावॉट से अधिक हो चुकी है।
आर्थिक समीक्षा के मुताबिक देश के कुल गेहूं निर्यात में मध्य प्रदेश की हिस्सेदार 46 फीसदी है। सिंचाई क्षमताओं में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और वह 2003 के 7.68 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर हो चुकी है।