देश भर में फेफड़ों के कैंसर वाले मरीजों के लिए निःशुल्क नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग (एनजीएस) के लिए कैंसर रिसर्च ऐंड स्टैटिस्टिक फाउंडेशन (सीआरएसएफ) ने लंग्स अलायंस शुरू किया है। एस्ट्राजेनेका, फाइजर और रॉश जैसी दवा कंपनियों की मदद से की जा रही इस पहल के लिए आधिकारिक लैब पार्टनर फोरबेस केयर है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य फेफड़ों के कैंसर मरीजों में ठीक की जा सकने वाली जेनेटिक म्यूटेशन की पहचान कर कैंसर के लक्षित उपचार तक पहुंच बढ़ाना है।
फेफड़ों का कैंसर भारत में कैंसर के सबसे खतरनाक स्वरूप में से एक है। लैंसेट रीजनल हेल्थ के एक अध्ययन के मुताबिक देश में हर साल 72,510 नए फेफड़ों के कैंसर के मरीज मिलते हैं और 66,279 लोग इस गंभीर से बीमारी से हार जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। मृत्यु की इतनी अधिक दर से पता चलता है कि देश में पारंपरिक उपचारों के बजाय व्यक्तिगत उपचार की जरूरत है।
सीआरएसएफ के डॉ. कुमार प्रभाष ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि भारत में फेफड़े के कैंसर के रोगियों को प्रभावी और लक्षित उपचार मिले। सटीक ऑन्कोलॉजी के साथ हमारा लक्ष्य जीवन रक्षक नवाचारों को सुलभ बनाना और देश भर में कैंसर देखभाल को बदलना है।’