facebookmetapixel
उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

Pilibhit Tiger Reserve: पीलीभीत टाइगर रिजर्व से स्थानीय युवाओं को मिल रहा रोजगार

Pilibhit Tiger Reserve: टाइगर रिजर्व फाउंडेशन की ओर से पीलीभीत के चूका(सेल्हा), बराही और चौका खेड़ा में 8 ईडीसी का संचालन हो रहा है।

Last Updated- June 12, 2025 | 7:48 PM IST
pilibhit tiger reserve
प्रतीकात्मक तस्वीर

Pilibhit Tiger Reserve: वन्यजीव पर्यटन के नक्शे पर तेजी से लोकप्रिय हो रहे उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बड़ी तादाद में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक पीलीभीत टाइगर रिजर्व में ईको डेवलपमेंट कमेटी (ईडीसी) के जरिए न केवल ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए मौके भी मिल रहे हैं। टाइगर रिजर्व फाउंडेशन की ओर से पीलीभीत के चूका(सेल्हा), बराही और चौका खेड़ा में 8 ईडीसी का संचालन हो रहा है, जो स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर टूरिस्ट गाइड, कैंटीन संचालन के साथ स्थानीय गांवों में सड़क निर्माण, सोलर लाइट, तालाबों का निर्माण जैसे विकास कार्य भी करवा रही है। 

ALSO READ: Retail Inflation: 6 साल में सबसे कम महंगाई, मई में रिटेल इंफ्लेशन घटकर 2.82% पर आया, खाने-पीने की चीजों की कीमतों में नरमी

टाइगर रिजर्व फाउंडेशन की मदद से चल रही ईडीसी, प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ स्थानीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और विकास कार्य में भी योगदान दे रही हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों, जैसे चूका (सेल्हा), बराही, और चौंका खेड़ा में वर्तमान में लगभग 8 ईडीसी संचालित हैं। ये कमेटियां स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें टूरिस्ट गाइड, कैंटीन संचालन, और जागरूकता अभियानों जैसे कार्यों से जोड़ रही हैं। इसके अतिरिक्त, ये समितियां टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों में सड़क निर्माण, खड़ंजा, सोलर लाइट और जलाशय निर्माण जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास में भी योगदान दे रही हैं। ईडीसी द्वारा किये जा रहे ये कार्य स्थानीय समुदाय के लोगों को शामिल कर समावेशी विकास की अवधारणा को सही साबित कर रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि टाइगर रिजर्व फाउंडेशन की ओर से हर ईडीसी को प्रति वर्ष लगभग एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस सहायता के माध्यम से कमेटियां अपनी गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करती हैं और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करती हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आसपास संचालित इन ने प्रतिवर्ष 6 से 10 लाख रुपये की आय अर्जित की है। इस आय का उपयोग न केवल कमेटी के संचालन में, बल्कि स्थानीय गांवों के विकास कार्यों में भी किया है। सड़कों का निर्माण, सोलर लाइट की स्थापना, और जलाशयों जैसे कार्यों ने ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साथ ये ईडीसी स्थानीय समुदाय के लोगों और टूरिस्टों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने का कार्य भी कर रहे हैं। प्रवक्ता ने बताया कि भविष्य में वन विहारों और टाइगर रिजर्व के पास ऐसी कमेटियों के विस्तार से क्षेत्र में और अधिक रोजगार और विकास के अवसर सृजित होने की उम्मीद है।

सैलानियों को लुभा रहे उत्तर प्रदेश के जंगल, जीव और हरियाली; पीलीभीत टाइगर रिजर्व बना आकर्षण का केंद्र

First Published - June 12, 2025 | 7:34 PM IST

संबंधित पोस्ट