Kolkata rape and murder case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी है। अदालत ने पुलिस को मामले से जुड़े सभी दस्तावेज 14 अगस्त तक केंद्रीय जांच एजेंसी को देने के निर्देश भी दिए। बार ऐंड बेंच के अनुसार पीठ ने कहा, ‘सामान्य परिस्थितियों में अदालत किसी भी केस को सीबीआई को देने के लिए अधिक समय दे सकती थी, लेकिन यह बहुत ही संवेदनशील मामला है। पांच दिन बाद में जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है।’
अदालत का आदेश ऐसे समय आया है जब अपनी साथी डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए देश भर में रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (फोरडा) के आह्वान पर शुरू हुई हड़ताल के कारण लगभग सभी बड़े अस्पतालों में आपातकालीन छोड़कर सभी चिकित्सीय सेवाएं बंद हैं। हालांकि हड़ताल के कारण बुरी तरह चरमराई चिकित्सा व्यवस्था को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव की अपील पर पश्चिम बंगाल में रेजिडेंट डॉक्टर काम पर लौट आए हैं।
कुछ अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टरों को कार्रवाई का डर दिखाते हुए काम पर वापस लौटने की चेतावनी दी है, लेकिन इसका कोई खास असर होता नहीं दिखाई दिया और हड़ताल के दूसरे दिन भी अस्पतालों में कामकाज ठप रहा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली (एम्स), नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ ऐंड न्यूरोसाइंसेज (निमहांस), बेंगलूरु और चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) की एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एआरडी) समेत ज्यादातर अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुईं। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) की राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में हड़ताल जारी रही। महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की आरडीए ने भी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है।
नई दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) प्रबंधन ने अपने यहां कार्यरत रेजिडेंट डॉक्टरों को कड़ी चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि अस्पताल में या इसके परिसर के आसपास किसी प्रकार का धरना-प्रदर्शन उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन होगा। इसका पालन नहीं करने वालों को अदालत की अवमानना के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। एम्स प्रशासन ने अपने सभी विभागीय प्रमुखों और सेंटर प्रमुखों को हालात पर नजर रखने और सभी रेजिडेंट डॉक्टरों की हाजिरी संबंधी जानकारी हर रोज दोपहर 3 बजे साझा करने के निर्देश दिए हैं।
फोरडा ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए सोमवार को देशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया था, जिससे आपातकालीन सेवाओं को छोड़ सभी प्रकार की चिकित्सीय सेवाएं रोक दी गई थीं। फोरडा के पदाधिकारियों ने सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी, लेकिन इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इस कारण संस्था ने मंगलवार को भी हड़ताल का फैसला किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के आदेश के बाद राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने मंगलवार को सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को दिशानिर्देश जारी कर अपील की है कि वे डॉक्टरों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करें। एनएमसी ने सभी मेडिकल कॉलेजों से सुरक्षित वातावरण नीति विकसित करने को कहा है। इनमें सीसीटीवी कैमरे लगाने, कॉरिडोर में पर्याप्त रोशनी और सुरक्षा की व्यवस्था करने को कहा गया है।
एनएमसी ने किसी भी अनचाही घटना की जानकारी 48 घंटे के भीतर साझा करने के निर्देश दिए हैं। ये दिशानिर्देश अस्पताल परिसरों में डॉक्टरों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल पर चर्चा करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रतिनिधिमंडल के नड्डा से मिलने के बाद जारी किए गए हैं। इससे पहले डॉक्टरों की सुरक्षा स्थिति पर आईएमए ने सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा था। उत्तर प्रदेश के आरडीए ने भी स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर मेडिकल संस्थानों में सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने की मांग की थी।