facebookmetapixel
दक्षिण भारत के लोग ज्यादा ऋण के बोझ तले दबे; आंध्र, तेलंगाना लोन देनदारी में सबसे ऊपर, दिल्ली नीचेएनबीएफसी, फिनटेक के सूक्ष्म ऋण पर नियामक की नजर, कर्ज का बोझ काबू मेंHUL Q2FY26 Result: मुनाफा 3.6% बढ़कर ₹2,685 करोड़ पर पहुंचा, बिक्री में जीएसटी बदलाव का अल्पकालिक असरअमेरिका ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाए नए प्रतिबंध, निजी रिफाइनरी होंगी प्रभावित!सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बढ़ेगी अनुपालन लागत! AI जनरेटेड कंटेंट के लिए लेबलिंग और डिस्क्लेमर जरूरीभारत में स्वास्थ्य संबंधी पर्यटन तेजी से बढ़ा, होटलों के वेलनेस रूम किराये में 15 फीसदी तक बढ़ोतरीBigBasket ने दीवाली में इलेक्ट्रॉनिक्स और उपहारों की बिक्री में 500% उछाल दर्ज कर बनाया नया रिकॉर्डTVS ने नॉर्टन सुपरबाइक के डिजाइन की पहली झलक दिखाई, जारी किया स्केचसमृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला मिथिलांचल बदहाल: उद्योग धंधे धीरे-धीरे हो गए बंद, कोई नया निवेश आया नहींकेंद्रीय औषधि नियामक ने शुरू की डिजिटल निगरानी प्रणाली, कफ सिरप में DEGs की आपूर्ति पर कड़ी नजर

क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन भारत में वैध या अवैध? जानिए क्या कहता है कानून

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल (आभासी) मुद्रा है जो क्रिप्टोग्राफी (कोड) द्वारा सुरक्षित है। इनका फर्जी व दो बार इस्तेमाल करना लगभग असंभव है।

Last Updated- November 20, 2024 | 6:14 PM IST
Year Ender: Crypto journey in the year 2024, popularity of Bitcoin and Altcoin among Indians साल 2024 में क्रिप्टो का सफर, भारतीयों में रही बिटकॉइन और ऑल्टकॉइन की लोकप्रियता

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले पर चुनाव प्रचार के लिए ‘‘अवैध बिटकॉइन गतिविधियों’’ में शामिल होने के आरोप लगने के बाद बिटकॉइन तथा क्रिप्टोकरेंसी फिर से चर्चा में हैं। क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर ये क्या हैं और इनके इस्तेमाल को लेकर कानून का क्या कहता है।

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल (आभासी) मुद्रा है जो क्रिप्टोग्राफी (कोड) द्वारा सुरक्षित है। इनका फर्जी व दो बार इस्तेमाल करना लगभग असंभव है। वे ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर विकेंद्रीकृत नेटवर्क पर मौजूद हैं। ब्लॉकचेन एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जिससे बिटकॉइन जैसी मुद्रा का संचालन होता है। वहीं बिटकॉइन सबसे अधिक प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी का नाम है, जिसके लिए ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी बनाई गई थी।

क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। इसकी आपूर्ति प्रोटोकॉल द्वारा निर्धारित होती है, केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं। इनके कानूनी पहलू की बात करें तो भारत क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक रूपरेखा तैयार कर रहा है। हालांकि, इसके लागू होने तक इसे अवैध नहीं कहा जा सकता। सरकार ने 2022 में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर कर लगाने के बावजूद क्रिप्टोकरेंसी को अनिवार्य व स्पष्ट रूप से वैध नहीं माना जा सकता है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी निजी क्रिप्टो परिसंपत्तियों के उपयोग को लेकर संशय में है और इसे देश की व्यापक आर्थिक व वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा मानता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बार-बार कहा है कि निजी संस्थाओं द्वारा जारी क्रिप्टोकरेंसी ‘‘मुद्रा’’ नहीं हो सकती। भारतीय रिजर्व बैंक के डिजिटल मुद्रा जारी करने पर ही वह मुद्रा होगी।

Also read: CIBIL Score: ऑनलाइन Cibil स्कोर चेक करें, वो भी बिना PAN कार्ड के; जानिए आसान तरीका

सीतारमण ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी प्रभावी विनियमन या प्रतिबंध के लिए ‘‘अंतरराष्ट्रीय सहयोग’’ की आवश्यकता होगी। इससे पहले, भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा था जिसे न्यायालय के आदेश द्वारा खारिज कर दिया गया था। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय स्थिरता तथा मौद्रिक स्थिरता के लिए बहुत बड़ा जोखिम मानता है।

गौरतलब है कि चार मार्च, 2021 को उच्चतम न्यायालय ने आरबीआई के छह अप्रैल 2018 के परिपत्र को रद्द कर दिया था, जिसमें बैंकों और उसके द्वारा विनियमित संस्थाओं को आभासी मुद्राओं के संबंध में सेवाएं प्रदान करने से रोक दिया गया था।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने पिछले महीने कहा था कि वर्चुअल संपत्तियां ऐसी स्थिति उत्पन्न कर सकती हैं जहां केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति पर नियंत्रण खो सकता है। वर्तमान में, आरबीआई, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों वाला एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक व्यापक नीति पर विचार कर रहा है।

आईएमजी ने इस पर अभी परिचर्चा पत्र जारी नहीं किया है, जो हितधारकों को क्रिप्टो मुद्राओं पर भारत के नीतिगत रुख पर फैसला लेने से पहले अपने विचार रखने का अवसर देगा।

First Published - November 20, 2024 | 6:14 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट