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अमेरिकी यूनिकॉर्न तंत्र को गति दे रहे भारतीय

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन ने अभी से बड़े स्तर पर अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

Last Updated- November 10, 2024 | 10:34 PM IST
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अमेरिका में नए राष्ट्रपति चुने जाने वाले डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की अवैध आप्रवासन पर सख्त नीतियों को लेकर उभरती चिंताओं के बीच एक हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अमेरिका में लगभग आधे से अधिक स्टार्टअप के मालिक अन्य देशों के रहने वाले हैं, जिनमें सबसे अधिक संख्या भारतवंशियों की है। रिपोर्ट से पता चलता है कि हर पांचवें यूनिकॉर्न स्टार्टअप का संस्थापक भारत में पैदा हुआ है।
स्टैनफर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के वेंचर कैपिटल इनिशिएटिव द्वारा कराए गए अध्ययन के मुताबिक 1997 से 2019 के बीच 500 यूनिकॉर्न के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इन आंकड़ों में 1,078 संस्थापकों को शामिल किया गया, जिनके जन्म संबंधी रिकॉर्ड के मुताबिक 44 प्रतिशत गैर अमेरिकी पाए गए।

इसके मुताबिक, इन यूनिकॉर्न के अमेरिका से बाहर जन्मे संस्थापक दुनियाभर के 65 देशों से हैं। इस सूची में सबसे अधिक 90 यूनिकॉर्न के संस्थापक भारत से ताल्लुक रखते हैं। इसके बाद इजरायल (52), कनाडा (42), ब्रिटेन (31) और चीन (27) का नंबर आता है।

अमेरिका में यूनिकॉर्न स्टार्टअप के मालिकों में यूरोपीय देशों में ब्रिटेन सबसे आगे है। इसके बाद जर्मनी, फ्रांस, रूस और यूक्रेन का नंबर आता है। जहां तक एशिया की बात है तो सबसे आगे भारत है और फिर इजरायल, चीन, ताइवान है। अफ्रीका महाद्वीप में दक्षिणी अफ्रीकी मूल के लोगों के यूनिकॉर्न (5) अमेरिका में सबसे अधिक हैं।

अमेरिका महाद्वीप में अमेरिका को छोड़ दें तो कनाडा मूल के लोगों ने सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न स्थापित किए हैं जबकि उसके बाद ब्राजील का नंबर आता है। ऑस्ट्रेलिया मूल के भी 8 लोग अमेरिका में यूनिकॉर्न संचालित कर रहे हैं जबकि न्यूजीलैंड के 6 लोग अमेरिका में स्टार्टअप संस्थापकों में शामिल हैं। जिन देशों के 5 से कम लोग अमेरिका में स्टार्टअप संस्थापक हैं, उनमें स्विट्जरलैंड (4), जापान (3), स्वीडन (2), ग्रीस (2) और तुर्किये (2) का नंबर आता है।

शोध का विश्लेषण करने वाले स्टैनफोर्ड में प्रोफेसर इल्या स्ट्रेबुलेव ने कहा, ‘अमेरिका के नवाचार परिदृश्य में आप्रवासियों का अहम योगदान है। इसका पता इसी से चल जाता है कि कुल अमेरिकी यूनिकॉर्न के लगभग आधे संस्थापक दूसरे देशों में पैदा हुए हैं।’ प्रोफेसर इल्या एक महत्त्वपूर्ण सवाल उठाते हैं कि ऐसी कौन सी चीज है जो आप्रवासियों को कामयाब यूनिकॉर्न संस्थापक बनाती है और आगे कैसी नीतियां बनाई जाएं जो भविष्य में इनके काम में तरक्की के द्वार खोलें?

प्रो. स्ट्रेबुलेव एक और महत्त्वपूर्ण बात कहते हैं कि जिस प्रकार बड़ी संख्या में यूनिकॉर्न के संस्थापक दूसरे देशों से आए हैं, वहीं इनमें अच्छी खासी संख्या ऐसे उद्यमियों की है, जिन्होंने अपनी उच्च शिक्षा अमेरिका में ही हासिल की है। दो साल पहले किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि गैर अमेरिकी स्टार्टअप संस्थापकों में एक चौथाई ने अपनी उच्च शिक्षा अमेरिका में पूरी की है।

स्टैनफर्ड के शोध में यह बात भी सामने आई है कि दूसरे देश से अमेरिका में अपने स्टार्टअप को स्थानांतरित करने पर उसके यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने के अवसर बढ़ जाते हैं। शोध के मुताबिक यदि कोई स्टार्टअप भारत से अमेरिका चला जाता है तो उसके यूनिकॉर्न दर्जा पाने के अवसर 6.5 गुणा बढ़ सकते हैं।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन ने अभी से बड़े स्तर पर अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। एक अनुमान के मुताबिक अवैध रूप से रहने वाले लगभग 2 करोड़ लोगों को अमेरिका छोड़ना पड़ेगा।

हालांकि ट्रंप प्रशासन के इस अभियान का असर शिक्षित भारतीयों पर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह चिंता तो बरकरार है कि वैध प्रवासियों पर भी ट्रंप प्रशासन कई प्रकार की बंदिशें या शर्तें थोप सकता है, जिससे बड़ी संख्या में ऐसे भारतीय छात्र प्रभावित होंगे, जो पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने और फिर वहीं नौकरी करने का ख्वाब पाले हुए हैं।

First Published - November 10, 2024 | 10:34 PM IST

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