अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) द्वारा की गई नवीनतम समीक्षा में भारतीय नागरिक उड्डयन प्रणाली 112वें पायदान से उठकर 55वें पायदान पर आ गई है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
DGCA ने कहा कि यह निरीक्षण, जिसे ICAO समन्वित सत्यापन मिशन (ICVM) कहा जाता है, भारत में पिछले साल 9 नवंबर से 16 नवंबर के बीच पांच क्षेत्रों में किया गया था।
ये पांच क्षेत्र हैं – LEG (प्रमुख विमानन विधि और विशिष्ट परिचालन विनियमन, ORG (नागरिक उड्डयन संगठन), PEL (कार्मिक लाइसेंस और प्रशिक्षण), OPS (विमान परिचालन) तथा AGA (हवाई अड्डा और ग्राउंड सहायता)। छठे क्षेत्र, जिसे एयर (विमान की उड़ान योग्यता) कहा जाता है, में यह निरीक्षण इसी अवधि के दौरान वर्चुअल रूप में किया गया था।
महानिदेशालय ने कहा कि नवंबर 2022 के निरीक्षण के बाद भारत को 85.65 प्रतिशत का अपडेटेड ओवरआल ईआई (प्रभावी कार्यान्वयन) मिला था। प्रत्येक निरीक्षण क्षेत्र का यह ईआई शून्य से लेकर 100 प्रतिशत तक के दायरे में आंका जाता है, जिसमें शून्य प्रतिशत ‘कार्यान्वित नहीं किया गया’ और 100 प्रतिशत ‘पूरी तरह से कार्यान्वित’ माना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के संगठन ICAO ने भारतीय उड्डयन प्रणाली का पिछला निरीक्षण वर्ष 2018 में किया गया था, जिसके बाद उसने 112वां रैंक दिया था।
डीजीसीए ने कहा कि ICAO की टीम ने अपने निरीक्षण के दौरान इन सेवा प्रदाताओं, विमान कंपनियों और संगठनों की गतिविधियों की निगरानी के लिए सरकार की क्षमता को मान्यता प्रदान करने के वास्ते उद्योग और सेवा प्रदाताओं का दौरा किया था।