प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सरकार भारत को एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनाने की कोशिश कर रही है। इससे न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी बल्कि भारत दुनिया के कई क्षेत्रों में अगुवा भी बनेगा। भारत अपने बड़े संसाधनों और कुशल कामगारों का इस्तेमाल करके मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा केंद्र बन सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि वो दिन दूर नहीं जब भारत औद्योगिक उत्पादन का केंद्र होगा और पूरी दुनिया भारत की तरफ देखेगी।
प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से अपील की है कि वो आयात पर निर्भरता कम करें और ‘मेक इन इंडिया’ पर ध्यान दें। उन्होंने सरकार की 1.97 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के बारे में भी बताया, जो काफी सफल रही है। इस योजना का मकसद भारत को मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा केंद्र बनाना, आयात पर निर्भरता कम करना और रोजगार के अवसर पैदा करना है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, सरकार की नीतियों की वजह से भारत में मोबाइल फोन बनाने और दुनिया को निर्यात करने का माहौल तैयार हुआ है। उन्होंने आगे कहा, “विदेशी निवेश में सुधार से हमें बहुत ताकत मिली है। छोटे और मध्यम उद्योगों को बड़ा फायदा हुआ है। एक नई व्यवस्था बनी है, जिससे हमारा विनिर्माण क्षेत्र दुनिया का विनिर्माण केंद्र बन गया है।”
प्रधानमंत्री का भाषण भाजपा के चुनावी वादों से मेल खाता है। भाजपा ने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने और इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा, मोबाइल और ऑटोमोबाइल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने का वादा किया था। पार्टी का लक्ष्य 2030 तक भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का केंद्र बनाना है।