facebookmetapixel
खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिशEditorial: भारत में अनुबंधित रोजगार में तेजी, नए रोजगार की गुणवत्ता पर संकटडबल-सर्टिफिकेशन के जाल में उलझा स्टील सेक्टर, QCO नियम छोटे कारोबारियों के लिए बना बड़ी चुनौती

Heat wave Alert: चुनावी घमासान में भीषण गर्मी से रहना होगा सावधान

Heat wave Alert: IMD ने आज अपने पूर्वानुमान में कहा कि अप्रैल से जून की अव​धि में देश के अ​धिकांश हिस्सों में अत्य​धिक गर्मी पड़ेगी।

Last Updated- April 01, 2024 | 11:23 PM IST
Heatwave

Heat wave Alert: देश में सात चरणों में लोक सभा चुनावों की तैयारी चल रही है, लेकिन मौसम विभाग की मानें तो चुनावी महीनों में देश के कुछ भागों में भीषण गर्मी पड़ सकती है। विभाग ने आज अपने पूर्वानुमान में कहा कि अप्रैल से जून की अव​धि में देश के अ​धिकांश हिस्सों में अत्य​धिक गर्मी पड़ेगी। विभाग ने कहा है कि इस दौरान मध्य एवं प​श्चिमी भारत में गर्मी का सबसे अ​धिक प्रभाव महसूस होगा।

इस साल अगले तीन महीनों में लू की घटनाएं भी सामान्य से अ​धिक रहने का अनुमान है। भारत में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में होंगे। इस दौरान चुनाव प्रचार अ​भियान और रैलियों के साथ-साथ बाहरी गतिविधियों में कई गुना वृद्धि होने की उम्मीद है। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने संवाददाताओं से कहा, ‘सामान्य तौर पर 4 से 8 दिनों तक लू चलती है मगर इस साल देश के अलग-अलग हिस्सों में 10 से 20 दिनों तक लू चलने की आशंका है।’

मध्य और प​श्चिमोत्तर भारत में सामान्यतः 1 से 3 दिनों के बजाय 2 से 8 दिनों तक लू चल सकती है। इस साल लू के प्रकोप से निपटने की तैयारियों एवं उठाए गए कदमों के बारे में चर्चा के लिए एक बैठक में महापात्र भी शामिल हुए। बैठक में उनके अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

अधिकारियों ने कहा कि एनडीएमए ने चुनाव आयोग को लिखा है कि अगले तीन महीनों में भीषण गर्मी की आशंका देखते हुए राजनीतिक दलों के साथ-साथ सभी पक्षों को जनसभाओं एवं रैलियों के आयोजन के बारे में आवश्यक सलाह जारी की जाए।

महापात्र ने कहा कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तरी ओडिशा के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य अथवा सामान्य से कम रहने की संभावना है। इस दौरान मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवा चलने की आशंका है। महापात्र ने कहा कि गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में लू का सबसे बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका है।

गेहूं: अधिकतर उत्पादक राज्यों में गेहूं की खड़ी फसल भीषण गर्मी के प्रकोप से बच सकती है क्योंकि अगले 15 दिनों में कटाई शुरू हो जाएगी।

जल भंडारण: दक्षिणी भारत को छोड़कर देश के अ​धिकतर जलाशयों में जल स्तर संतोषजनक है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार सरकार द्वारा निरीक्षण किए गए 150 जलाशयों में जल स्तर 28 मार्च को 64.60 अरब घन मीटर (बीसीएम) था जो पिछले साल के स्तर का 84 फीसदी और 10 साल के औसत स्तर का 97 फीसदी है। दक्षिणी भारत में जल भंडारण का स्तर पिछले साल के स्तर का 59 फीसदी और 10 साल के औसत का 73 फीसदी है।

बिजली उत्पादन: बिजली मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि सभी बिजली उत्पादन संयंत्रों को अगले तीन महीनों के दौरान पूरी क्षमता बनाए रखने के लिए सलाह जारी की गई है। रखरखाव एवं मरम्मत का काम फिलहाल टाल दिया गया है।

एनटीपीसी आदि बिजली कंपनियों को अतिरिक्त गैस आपूर्ति के लिए गठजोड़ करने और वितरण बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। पिछले साल अप्रैल से जून के दौरान भारत में बिजली की अधिकतम मांग 240 मेगावॉट तक पहुंच गई थी, जबकि इस साल मांग करीब 270 मेगावॉट रहने की उम्मीद है।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस साल लू के मौसम को देखते हुए सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभागों को सलाह जारी की है। इसके अलावा गर्मी के महीनों में अस्पतालों में आग लगने जैसी घटनाओं से बचने के लिए अलग से पत्र जारी किए गए हैं।

अल नीनो और मॉनसून: महापात्र ने यह भी कहा कि इस साल अल नीनो प्रभाव के कारण लू के थपेड़े पड़ने की आशंका है। जून तक अल नीनो के तटस्थ होने और मॉनसून सीजन के मध्य तक ला नीला की ​​स्थिति बनने का अनुमान है। भारत में मॉनसून को प्रभावित करने वाला एक अन्य कारक हिंद महासागर डाइपोल (आईओडी) जून से सकारात्मक होने की उम्मीद है। फिलहाल दोनों स्थितियां इस साल ‘सामान्य’ मॉनसून का संकेत देती हैं।

First Published - April 1, 2024 | 11:23 PM IST

संबंधित पोस्ट