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Maharashtra: चीनी उत्पादन कम होने से प्रभावित होगा निर्यात कोटा

दो महीने पहले ही बंद हो सकती है चीनी मिलें

Last Updated- January 30, 2023 | 9:20 PM IST
Sugar Production: The sweetness of sugar can be bitter! Huge decline of 16 percent in production कड़वी हो सकती है चीनी की मिठास! उत्पादन में आई 16 फीसदी की भारी गिरावट
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इस साल भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र में गन्ने की फसल खराब होने का असर अब दिखाई देने लेगा
है। महाराष्ट्र में चीनी मिलें पिछले साल की तुलना में 45 से 60 दिन पहले गन्ने की पेराई बंद करने के लिए मजबूर हो रही है क्योंकि प्रतिकूल मौसम ने गन्ने की उपलब्धता को कम कर दिया है। पिछले साल की अपेक्षा चालू सीजन के दौरान राज्य में चीनी का उत्पादन सात फीसदी कम हो सकता है। कम उत्पादन का असर निर्यात कोटे पर पड़ सकता है।

महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने कहा कि राज्य 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले 2022-23 विपणन वर्ष में 128 लाख टन चीनी का उत्पादन कर सकता है, जो पहले के 138 लाख टन के पूर्वानुमान से कम है। गायकवाड़ ने कहा, अत्यधिक वर्षा ने गन्ने की वृद्धि को कम कर दिया।

इस वर्ष पेराई के लिए कम गन्ना उपलब्ध है। राज्य के मध्य भाग में कुछ मिलें 15 दिनों में परिचालन बंद करना शुरू कर सकती हैं, और अप्रैल के अंत तक तीन या चार मिलों को छोड़कर सभी पेराई बंद कर सकती हैं। राज्य में पिछले साल की तुलना में 45 से 60 दिन पहले गन्ने की पेराई बंद करने की तैयारी
है।

महाराष्‍ट्र में गन्‍ने की बुआई पिछले साल जितने रकबे में ही हुई थी। मराठवाड़ा क्षेत्र में गन्ने की प्रति एकड़ उत्पादकता में लगभग 20 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। बारिश से फसल खराब होने से ऐसा हुआ है। महाराष्ट्र में चालू सीजन में चीनी उत्‍पादन कम होने का असर देश के चीनी निर्यात पर भी पड़ सकता
है।

जानकारों का कहना है कि कम चीनी उत्पादन दुनिया के दूसरे सबसे बड़े निर्यातक को अतिरिक्त निर्यात की अनुमति देने से रोक सकता है, संभावित रूप से वैश्विक कीमतों का समर्थन कर सकता है और प्रतिद्वंद्वियों ब्राजील और थाईलैंड को अपने शिपमेंट में वृद्धि करने की मदद कर सकता है।

यह भी पढ़ें: Sugar Export : चीनी निर्यात कोटा की दूसरी खेप जल्द घोषित होने की उम्मीद

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने ताजा अनुमान के मुताबिक 2021-22 चीनी सीजन के दौरान रिकॉर्ड 5,000 लाख मीट्रिक टन से अधिक गन्ने का उत्पादन किया गया था। सीजन (अक्टूबर-सितंबर) 2021-22 में भारत दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक और चीनी के उपभोक्ता के साथ-साथ ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा।

First Published - January 30, 2023 | 9:18 PM IST

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