चीनी उद्योग की मांग और घरेलू मांग से अधिक उत्पादन होने के अनुमान को देखते हुए केन्द्र सरकार जल्द ही चीनी निर्यात कोटा बढ़ाने की अनुमति देगा।
उद्योग जगत का मानना है कि दूसरा कोटा जल्द ही जारी किया जाएगा जिसमें 20 से 30 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा मिल सकता है। जबकि पहली खेप में चीनी के लिए निर्यात कोटा 60 लाख टन की अनुमति दी जा चुकी है।
चीनी निर्यात कोटा बढ़ाने की मांग को लेकर एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मुलाकात के बाद शिंदे ने कहा कि चर्चा सकारात्मक रही जल्द ही परिणाम मिलेगें। जिससे महाराष्ट्र के चीनी उद्योग को लाभ होगा।
फडणवीस ने कहा कि सहकारिता मंत्री ने चीनी के निर्यात के लिए कोटा बढ़ाने, कार्यशील पूंजी, मार्जिन मनी, ऋण पुनर्गठन और इथेनॉल परियोजनाओं की स्थापना के लिए धन उपलब्ध कराने में कठिनाई पर उनकी शिकायतों के समाधान का आश्वासन दिया है। एक सप्ताह में हमारे पक्ष में फैसला हो सकता है।
उद्योग जगत का कहना है कि निर्यात कोटा बढ़ाने पर जल्द निर्णय लेना होगा, क्योंकि अप्रैल से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्राजील की चीनी उपलब्ध हो जाएगी। इसके बाद चीनी की कीमतों में नरमी आने की संभावना है।
इसके अलावा चालू सीजन में महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन लगभग 6-7 फीसदी कम होने वाला है। जबकि अतिरिक्त चीनी निर्यात की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है इसीलिए उद्योग जगत चीनी निर्यात कोटा जल्द घोषित करने की मांग कर रहा है।
चालू सीजन में 60 लाख टन निर्यात का कोटा तय किया गया है। पिछले वित्त वर्ष में कुल चीनी निर्यात का कोटा 112 लाख टन था। जिसको देखते हुए उद्योग जगत का मानना है कि दूसरा कोटा जल्द ही जारी किया जाएगा जिसमें 20 से 30 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा मिल सकता है।
इंडियन शुगर मिल्स (इस्मा ) के मुताबिक चालू सीजन के लिए अभी तक 55 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं। अभी तक हुए सौदों में से 31 दिसंबर 2022 तक 18 लाख टन टन चीनी का निर्यात हो चुका है। पिछले साल भी दिसंबर 2021 तक लगभग इतनी ही मात्रा में चीनी का निर्यात हुआ था।
चालू सीजन में 365 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि देश में चीनी की कुल खपत करीब 280 लाख टन सालाना है। इस्मा के मुताबिक चालू सीजन में 15 जनवरी तक चीनी उत्पादन 156.8 लाख टन रहा है जो पिछले साल इसी अवधि में 150.8 लाख टन रहा था।
इस साल 15 जनवरी तक उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 40.7 लाख टन, महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 60.3 लाख टन और कर्नाटक में चीनी उत्पादन 33.6 लाख टन रहा है। ऐसे में उत्पादन पहले लगाए गए अनुमान से करीब 18 लाख टन कम रह सकता है।
महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम होने वाला है। महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने कहा कि हालांकि गन्ने के तहत बोया गया क्षेत्र पिछले साल के समान है, लेकिन मराठवाड़ा क्षेत्र में गन्ने की प्रति एकड़ उत्पादकता में लगभग 20 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं, इथेनॉल निर्माण के लिए गन्ने का डायवर्सन बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। इन दो कारणों से चीनी उत्पादन में 138 लाख टन के पहले के अनुमान के मुकाबले 129-130 लाख टन तक की कमी आने की संभावना है।
पिछले वर्ष में इथेनॉल उत्पादन के लिए 11-12 लाख टन गन्ने के बदले, राज्य के चीनी उद्योग के चालू सीजन में इथेनॉल उत्पादन के लिए 15-16 लाख टन गन्ने का उपयोग कर सकता है।