दिल्ली में बीते तीन साल ई-वाहनों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। अब दिल्ली में ई-वाहनों की हिस्सेदारी राष्ट्रीय औसत से दोगुनी हो गई है। इन वाहनों की हिस्सेदारी बढ़ने के साथ ही दिल्ली सरकार ई-वाहन चार्जिंग लगाने पर भी जोर दे रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज 42 ईवी चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। दिल्ली में अब 53 लोकेशन पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित हो गए है, जहां 4,646 चार्जिंग पॉइंट और 250 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन हैं।
ई-वाहनों की हिस्सेदारी बढ़कर हुई करीब 13 फीसदी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईवी चार्जिंग स्टेशन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में 42 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन चालू किए गए। कुछ महीने पहले दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड की तरफ से 11 स्टेशन शुरू किए गए थे। अब दिल्ली में कुल 53 ईवी चार्जिंग स्टेशन चालू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति काफी तेजी से आगे बढ़ रही है। हमने अगस्त 2020 में यह नीति बनाई और उस समय लक्ष्य रखा था कि 2025 तक दिल्ली में जितने भी नए वाहन खरीदे जाते हैं, उसमें से कम से कम 25 फीसदी वाहन ई-वाहन होने चाहिए। इस समय दिल्ली में जितने भी वाहन खरीदे जा रहे हैं, उसमें से 13 फीसदी ई-वाहन हैं, जबकि पूरे देश में जितने वाहन खरीदे जाते हैं, उसमें से केवल 6 फीसदी वाहन ही इलेक्ट्रिक होते हैं। दिल्ली में अगस्त 2020 से लेकर अब तक 1.28 लाख ई-वाहन खरीदे जा चुके हैं।
सस्ता है ई-वाहन चलाना
ईवी नीति की सफलता की बडी वजह सब्सिडी, चार्जिंग स्टेशन, ई-वाहन का कम खर्च है। केजरीवाल ने कहा कि आज कोई व्यक्ति इलेक्ट्रिक स्कूटर चलाता है तो उसे 7 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च आता है, वहीं पेट्रोल से स्कूटर चलाने में 1.75 रुपए खर्चा आता है। सीएनजी वाले तीन पहिया पर लगभग 2.60 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च होते हैं और इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन से 9 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च आता है। ऐसे ही पेट्रोल कार में 7 रुपए प्रति किलोमीटर खर्च होते हैं, जबकि इलेक्ट्रिक कार में 36 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च आता है।
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अब तक 1.28 लाख ईवी वाहन हुए पंजीकृत
दिल्ली में 2020 अगस्त से इस नीति के लागू होने के बाद से अब तक करीब 1.28 लाख ई-वाहन वाहन पंजीकृत हुए हैं। इलेक्ट्रिक तीन पहिया गुड्स कैरियर वाहनों की बिक्री कुल वाहनों के मुकाबले 66 फीसदी से अधिक है। साथ ही दिल्ली में 2022 में पंजीकृत टैक्सी का लगभग 50 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन थे। इसके अलावा 9 फीसदी दो पहिया और 17 फीसदी ऑटो रिक्शा वाहनों की बिक्री रही है। दिल्ली में अभी 300 ई-बसें हैं और 2025 तक 8 हजार से अधिक ई-बसों को सड़कों पर उतारने का लक्ष्य है।