वित्त मंत्रालय की समीक्षा के जलवायु खंड में आर्थिक वृद्धि और देश की दीर्घकालिक जलवायु कार्ययोजना को संतुलित करने वाली नीतियों की प्रशंसा की गई है। समीक्षा में कहा गया कि सरकार ने अपने ऊर्जा संक्रमण के प्रयासों में विकासात्मक प्राथमिकताओं को रखा है और यह अपने में उपलब्धि है।
समीक्षा में कहा गया, ‘भारत सरकार की उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने की नीतियों और पहलों के कारण लोगों के जीने का स्तर महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ा।
इन नीतियों और पहल के कारण खाद्य व जल सुरक्षा सुनिश्चित हुई, आपदा जोखिम प्रबंधन व मजबूत आधारभूत बना, स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा का आधारभूत ढांचा बेहतर हुआ। जैव विविधता व प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखने के कदम उठाए जाने से मजबूती बेहतर हुई।’
इस समीक्षा में विकास और उत्सर्जन शमन में सही संतुलन होने के महत्व पर जोर दिया गया। समीक्षा में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन आर्थिक वृद्धि के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
भारत उन कुछ गिने-चुने देशों में है जहां हरित ऊर्जा के विकास व उससे जुड़े सह ईकोसिस्टम को आर्थिक वृद्धि से जोड़ा गया है। इस समीक्षा में भारत के जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों और उसकी कमतर की गई उपलब्धियों का उल्लेख किया।