facebookmetapixel
BFSI Summit: भारत का वित्तीय क्षेत्र सबसे मजबूत स्थिति में, सरकार और आरबीआई ने दी जिम्मेदार वृद्धि की नसीहत2025 बनेगा भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ वर्ष, BFSI समिट में बोले विदेशी बैंकरBFSI Summit: अधिग्रहण के लिए धन मुहैया कराने में नए अवसर देख रहा है बैंकिंग उद्योगBSFI Summit: ‘एमएफआई के दबाव से जल्द बाहर निकल आएंगे स्मॉल फाइनैंस बैंक’BFSI Summit: दुनिया के शीर्ष 20 में से भारत को कम से कम 2 देसी बैंकों की जरूरतBFSI Summit: तकनीक पर सबसे ज्यादा खर्च करने वालों में शुमार है स्टेट बैंक- शेट्टीBFSI Summit: वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रहे तो मुझे आश्चर्य नहीं – सीईए अनंत नागेश्वरनBFSI Summit: बीएफएसआई की मजबूती के बीच MSMEs के लोन पर जोरBFSI Summit: कारगर रहा महंगाई का लक्ष्य तय करना, अहम बदलाव की जरूरत नहीं पड़ीBFSI Summit: बढ़ती मांग से कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार सुस्त

ELI योजना के लिए बजट कटौती की सिफारिश, वित्त वर्ष में केवल 6,000 करोड़ खर्च करने की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष के बजट में तीन ईएलआई योजनाओं की घोषणा की गई थीं मगर इन्हें अभी तक केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी नहीं मिली है।

Last Updated- December 16, 2024 | 10:55 PM IST
Budget cut recommended for ELI scheme, expected to spend only Rs 6,000 crore in the financial year ELI योजना के लिए बजट कटौती की सिफारिश, वित्त वर्ष में केवल 6,000 करोड़ खर्च करने की उम्मीद
इलस्ट्रेशन- अजय मोहंती

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना के लिए चालू वित्त वर्ष में आवंटन कम करने का आग्रह किया है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने पात्रता शर्तों और चालू वित्त वर्ष में कम समय बचने का हवाला देते हुए रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन की तीन योजनाओं के  लिए आवंटन करीब एक-तिहाई घटाकर 6,852 करोड़ रुपये (संशो​धित अनुमान) करने का आग्रह किया है। 

श्रम एवं रोजगार पर संसदीय समिति के एक सवाल के जवाब में श्रम मंत्रालय ने कहा, ‘इस साल नई ईएलआई योजना के कारण हमने बजट में 10,000 करोड़ रुपये आवंटन का अनुमान किया था।  लेकिन इस साल समय कम बचा है इसलिए संशो​धित अनुमान में हमने आवंटन घटाने का अनुरोध किया है।’

चालू वित्त वर्ष के बजट में तीन ईएलआई योजनाओं की घोषणा की गई थीं मगर इन्हें अभी तक केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी नहीं मिली है। योजनाओं को लागू करने में काफी देर हो रही है जबकि वित्त वर्ष समाप्त होने में केवल एक तिमाही ही बची है। 

मंत्रालय ने संसदीय समिति को 19 नवंबर को बताया था, ‘कैबिनेट प्रस्ताव भेज दिया गया है। हम इसे जल्द शुरू होने की उम्मीद कर रहे हैं। अगले साढ़े 6 साल में इस योजना के लिए कुल बजट आवंटन 1.07 लाख करोड़ रुपये रहेगा। इस साल 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और हम इनमें से करीब 6,000 करोड़ रुपये ही खर्च होने की उम्मीद कर रहे हैं।’ 

वित्त और लक्ष्य पर अपने विस्तृत जवाब में मंत्रालय ने कहा है कि तीन ईएलआई योजनाओं में से 3,576 करोड़ रुपये फ्रेशरों के लिए ईएलआई योजनाओं पर खर्च होने की उम्मीद है। इसके अलावा 1,534 करोड़ रुपये विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने वाली ईएलआई योजना पर और 1,651 करोड़ रुपये वि​भिन्न क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन के लिए कर्मचारियों के प्रोत्साहन के लिए ईएलआई योजना पर खर्च होने की उम्मीद है।

इसके अलावा संसदीय समिति को यह भी बताया गया कि चालू वित्त वर्ष में तीन योजनाओं के तहत कुल 93 लाख लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

संसदीय समिति को यह भी बताया गया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) योजना को लागू करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के परामर्श से एक समर्पित आईटी बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है जिसमें आवेदकों का पंजीकरण सुचारु तरीके से करने, प्रोत्साहन/सब्सिडी वितरण के लिए सॉफ्टवेयर सिस्टम/ऐप अदि तैयार करना शामिल है।

समिति ने कहा, ‘योजना नवीनतम प्रौद्योगिकी सॉफ्टवेयर और उपकरणों का उपयोग करके संचालित की जाएगी इसलिए समिति चाहती है कि इसमें शामिल प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से जल्द से जल्द पूरा किया जाए।’ 

First Published - December 16, 2024 | 10:45 PM IST

संबंधित पोस्ट