श्रम और रोजगार मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना के लिए चालू वित्त वर्ष में आवंटन कम करने का आग्रह किया है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने पात्रता शर्तों और चालू वित्त वर्ष में कम समय बचने का हवाला देते हुए रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन की तीन योजनाओं के लिए आवंटन करीब एक-तिहाई घटाकर 6,852 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) करने का आग्रह किया है।
श्रम एवं रोजगार पर संसदीय समिति के एक सवाल के जवाब में श्रम मंत्रालय ने कहा, ‘इस साल नई ईएलआई योजना के कारण हमने बजट में 10,000 करोड़ रुपये आवंटन का अनुमान किया था। लेकिन इस साल समय कम बचा है इसलिए संशोधित अनुमान में हमने आवंटन घटाने का अनुरोध किया है।’
चालू वित्त वर्ष के बजट में तीन ईएलआई योजनाओं की घोषणा की गई थीं मगर इन्हें अभी तक केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी नहीं मिली है। योजनाओं को लागू करने में काफी देर हो रही है जबकि वित्त वर्ष समाप्त होने में केवल एक तिमाही ही बची है।
मंत्रालय ने संसदीय समिति को 19 नवंबर को बताया था, ‘कैबिनेट प्रस्ताव भेज दिया गया है। हम इसे जल्द शुरू होने की उम्मीद कर रहे हैं। अगले साढ़े 6 साल में इस योजना के लिए कुल बजट आवंटन 1.07 लाख करोड़ रुपये रहेगा। इस साल 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और हम इनमें से करीब 6,000 करोड़ रुपये ही खर्च होने की उम्मीद कर रहे हैं।’
वित्त और लक्ष्य पर अपने विस्तृत जवाब में मंत्रालय ने कहा है कि तीन ईएलआई योजनाओं में से 3,576 करोड़ रुपये फ्रेशरों के लिए ईएलआई योजनाओं पर खर्च होने की उम्मीद है। इसके अलावा 1,534 करोड़ रुपये विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने वाली ईएलआई योजना पर और 1,651 करोड़ रुपये विभिन्न क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन के लिए कर्मचारियों के प्रोत्साहन के लिए ईएलआई योजना पर खर्च होने की उम्मीद है।
इसके अलावा संसदीय समिति को यह भी बताया गया कि चालू वित्त वर्ष में तीन योजनाओं के तहत कुल 93 लाख लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
संसदीय समिति को यह भी बताया गया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) योजना को लागू करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के परामर्श से एक समर्पित आईटी बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है जिसमें आवेदकों का पंजीकरण सुचारु तरीके से करने, प्रोत्साहन/सब्सिडी वितरण के लिए सॉफ्टवेयर सिस्टम/ऐप अदि तैयार करना शामिल है।
समिति ने कहा, ‘योजना नवीनतम प्रौद्योगिकी सॉफ्टवेयर और उपकरणों का उपयोग करके संचालित की जाएगी इसलिए समिति चाहती है कि इसमें शामिल प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से जल्द से जल्द पूरा किया जाए।’