आंध्र प्रदेश सरकार ने एक विशेष अंतरिक्ष नीति को मंजूरी दी है। इससे 2033 तक 44 अरब डॉलर की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था बनने के भारत के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया कि इसका उद्देश्य अगले 10 वर्षों में करीब 25,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और राज्य को एक वैश्विक अंतरिक्ष विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है। लेपाक्षी और तिरुपति में करीब 33,000 एकड़ में फैले दो एकीकृत अंतरिक्ष शहर स्थापित करने की योजना है।
एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने कहा कि वह 2035 तक इस क्षेत्र में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की केंद्र सरकार की योजनाओं के अनुरूप एक व्यापक अंतरिक्ष परिवेश तैयार करने के लिए काम कर रही है। अंतरिक्ष नीति 4.0 नाम से तैयार की गई इस नीति के साथ ही आंध्र प्रदेश अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए विशेष नीतिगत दृष्टिकोण रखने वाला पहला राज्य बन जाएगा। लेपाक्षी और तिरुपति की स्थिति बेहद रणनीतिक है और इन दोनों शहरों से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र तक पहुंचना बेहद आसान होगा।
बेंगलूरु से करीब 100 किलोमीटर दूर लेपाक्षी में अंतरिक्ष शहर स्थापित करने के लिए राज्य सरकार 30,000 एकड़ भूमि उपलब्ध कराएगी। वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसंधान एवं विकास केंद्र और एरोस्पेस क्लस्टरों के समीप होगा। दूसरी ओर तिरुपति अंतरिक्ष नगरी के लिए राज्य सरकार 2,800 एकड़ भूमि उपलब्ध कराएगी। वहां से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र तक सड़क के जरिये सीधी पहुंच होगी। यह अंतरिक्ष शहर चित्तूर जिले के रौथुसुरमाला गांव में बसाया जाएगा।
राज्य सरकार के एक सूत्र ने बताया, ‘राज्य मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष नीति को हरी झंडी दे दी है। इसके जरिये आंध्र प्रदेश उपग्रह समूहों के निर्माण, रिमोट सेंसिंग उपग्रहों के प्रक्षेपण और उन्नत प्रौद्योगिकी वाले मिशन को प्रोत्साहित करेगा। राज्य सरकार की नजर एक अंतरिक्ष औद्योगिक परिवेश तैयार करने और वैश्विक निवेश आकर्षित करने पर है।’ उन्होंने कहा, ‘हम 2035 तक करीब 25,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रख रहे हैं।’
आंध्र प्रदेश सरकार इस नीति के जरिये सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को उनके निवेश पर 75 फीसदी तक वित्तीय प्रोत्साहन देगी। राज्य सरकार की विनिर्माण उद्यम विकास नीति (एमईडीपी) 4.0 योजना के तहत उद्योगों को विशेष श्रेणी की इकाइयां स्थापित करने के लिए निर्धारित पूंजी निवेश के 45 फीसदी तक और कुल समर्थन के 75 फीसदी तक निवेश सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा यह नीति 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए विशेष प्रोत्साहन भी प्रदान करेगी। इसके तहत 125 से 500 करोड़ रुपये तक के निवेश के लिए भी कंपनियों को भूमि लागत में छूट, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सब्सिडी, राज्य जीएसटी की प्रतिपूर्ति और केंद्र सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के तहत रियायतें दी जाएंगी।
राज्य परीक्षण सुविधाओं के अलावा प्रक्षेपण यान एवं उपग्रह एकीकरण केंद्र, गुणवत्ता एवं प्रमाणन प्रयोगशाला और लॉजिस्टिक कॉरिडोर जैसे साझा बुनियादी ढांचे की सुविधा भी उपपलब्ध कराएगा। सूत्र ने बताया कि इस नीति का उद्देश्य 2035 तक 5,000 प्रत्यक्ष और 30,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करना है।
तेलंगाना ने सबसे पहले 2022 में अंतरिक्ष नीति की घोषणा की थी। उसके बाद 2023 में केरल ने अपनी अंतरिक्ष नीति की घोषणा की। इस साल 17 अप्रैल को गुजरात ने भी 2025 से 2030 तक अंतरिक्ष क्षेत्र में वृद्धि को रफ्तार देने के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति की घोषणा की। तमिलनाडु ने भी अपनी अंतरिक्ष नीति की घोषणा की है। वह एक मसौदा अंतरिक्ष नीति पहले ही प्रकाशित कर चुका है।