केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि कांग्रेस तथा उसके सहयोगियों की अगुआई वाली पिछली सरकारों की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण देश में बड़ी संख्या में शरणार्थियों को नागरिकता अधिकार नहीं दिए गए।
शाह ने गुजरात में 188 हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाणपत्र देने के बाद अहमदाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लाखों शरणार्थियों को उनके अधिकार तथा न्याय देने के लिए है। उन्होंने मुसलमानों को भी आश्वासन दिया कि सीएए में किसी की भी नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।
गृह मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस तथा उसके सहयोगियों की पिछली सरकारों की तुष्टीकरण की नीति के कारण शरण के लिए देश में आए लोगों को उनका अधिकार और न्याय 1947 से 2014 तक नहीं मिला।’
शाह ने कहा, ‘ उन्हें (शरणार्थियों को) न केवल पड़ोसी देशों में हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख होने के कारण प्रताड़ित किया गया बल्कि हमारे देश में भी करोड़ों लोग तीन पीढ़ियों से न्याय के लिए तरस रहे हैं।’
शाह ने कहा कि पिछली सरकारों ने घुसपैठियों को घुसने दिया और उन्हें अवैध रूप से नागरिक बना दिया, लेकिन उन्होंने कानून का पालन करने वाले और इसके लिए आवेदन करने वाले लोगों को यह कहकर नागरिकता देने से इनकार कर दिया कि इसके लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
शाह ने कहा, ‘मैं इस मंच से पिछली सरकारों के मुखियाओं से पूछना चाहता हूं कि अपनी बहनों-बेटियों और अपनी संपत्तियों को बचाने के लिए यहां आए लोगों का क्या दोष था कि वे इस देश के नागरिक नहीं बन सके।’