महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद प्रयागराज को लेकर निवेशकों की भी रुचि बढ़ने लगी है। प्रयागराज के सरस्वती हाई-टेक सिटी में भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआऱसीटीसी) रेल नीर संयंत्र स्थापित करने जा रही है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने इस परियोजना के लिए 2.5 एकड़ भूमि आवंटित की है। इस संयंत्र में 25 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है और इसकी उत्पादन क्षमता एक लाख लीटर प्रति दिन होगी।
गौरतलब है कि आईआरसीटीसी पूरे भारत में कई रेल नीर पैकेज्ड पेयजल संयंत्र संचालित करता है, जिनमें से दो उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। एक अमेठी और दूसरा हापुड़ में। इस तरह प्रदेश में यह तीसरा संयंत्र स्थापित किया जाएगा। यूपीसीडा अधिकारियों ने बताया कि रेल नीर संयंत्र के संचालन से रेलवे यात्रियों को स्वच्छ एवं उच्च गुणवत्ता वाला पैकेज्ड पेयजल सुलभ होगा, जिससे जलजनित बीमारियों की रोकथाम में भी मदद मिलेगी। इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे क्षेत्र की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस संयत्र से प्रयागराज के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। रेल नीर संयंत्र की स्थापना औद्योगिक निवेशकों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनेगी और उत्तर प्रदेश में नए निवेश को आकर्षित करेगी। यह संयंत्र रेलवे स्टेशन से 5 किमी, प्रयागराज हवाई अड्डे से 25 किमी और राजमार्ग से 15 किमी की दूरी पर स्थित होगा, जिससे इसकी लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी। यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने कहा, “यह परियोजना औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ रेलवे यात्रियों के लिए सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगी।
हाल ही में प्रदेश सरकार ने राजधानी लखनऊ के स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) की तर्ज पर प्रयागराज-चित्रकूट डेवलपमेंट रीजन के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृत किया है। इस विकास क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए अवस्थापना सुविधाओं सहित जमीन उपलब्ध होगी। प्रदेश की योगी सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर तक विस्तारित करने का फैसला किया है। यह नया लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगा। इसके अलावा वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ने के लिए नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा।
इन दोनों प्रोजेक्ट को ‘प्रयागराज-विंध्य-काशी एक्सप्रेसवे’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद प्रदेश के औद्योगिक नक्शे पर प्रयागराज अहम बिंदु बन जाएगा।