पेरिस स्थित अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की एक नई रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि पेट्रोल, डीजल, गैस और कोयले की बढ़ी कीमतों, नीति समर्थन और जलवायु परिवर्तन के कारण, हरित ऊर्जा (green energy) में निवेश अब जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) की तुलना में 70 प्रतिशत अधिक हो गया है।
अपनी ‘विश्व ऊर्जा निवेश 2023’ रिपोर्ट में, एजेंसी ने कहा, ‘जीवाश्म ईंधन पर खर्च किए गए प्रत्येक 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्वच्छ ऊर्जा (clean energy) पर 1.7 अमेरिकी डॉलर खर्च किया जा रहा है। पांच साल पहले यह अनुपात 1:1 पर था।
एजेंसी ने कहा कि 2023 में ऊर्जा क्षेत्र (एमर्जी सेक्टर) में 2.8 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की उम्मीद है। इसमें से 1.7 लाख करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश क्लीन एनर्जी के लिए किया जाएगा जिसमें अक्षय ऊर्जा (renewable power), परमाणु (nuclear), ग्रिड, स्टोरेज, कम उत्सर्जन वाले ईंधन(low-emission fuels), एफीसिएंसी में सुधार और विद्युतीकरण (electrification) शामिल है। बाकी बचा 1 लाख करोड़ डॉलर जीवाश्म ईंधन में खर्च होंगा, जिसमें 15 प्रतिशत अकेले कोयले के लिए खर्च किया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि कोयले सप्लाई में कमी आई है। लेकिन कोयले में निवेश महामारी से पहले के स्तर से ऊपर है और यह उम्मीद है कि 2023 में इसमें 10 फीसदी की और बढ़ोतरी होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक कोयले से चलने वाले नए बिजली संयंत्रों में निवेश समय के साथ घटता जा रहा है। हालांकि, 2022 में कोल के संबंध में और चौंकाने वाली चीजें देखने को मिलीं क्योंकि 40 गीगावाट (GW) वाले नए कोयला संयंत्रों को मंजूरी दी गई थी, यह 2016 के बाद सबसे ज्यादा संख्या थी। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इनमें से अधिकांश मंजूरी चीन के प्लांटो को मिलीं। चीन मौजूदा समय में बिजली पर बहुत फोकस कर रहा है क्योंकि 2021 और 2022 में वह पहले से ही इलेक्ट्रिसिटी की चुनौतियों का सामना कर चुका है। गौर करने वाली बात है कि चीन बड़े स्तर पर इन कम उत्सर्जन टेक्नोलॉजी के साथ कोल प्लांट मंजूरी को भी तेजी से अपने सिस्टम में शामिल कर रहा है।
IEA ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध की तेज गति को देखते हुए स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों (clean energy technologies) की तरफ निवेश ज्यादा किया जा रहा है। Clean energy के क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बिजली उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा में सबसे अधिक निवेश किया जा रहा है।
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सोलर एनर्जी में सबसे अधिक निवेश देखने को मिल रहा है। 2023 में 1 अरब डॉलर से अधिक का रोजाना खर्च सोलर के लिए होने की उम्मीद है। इस आंकड़े के मुताबिक, साल भर में सोलर एनर्जी के लिए 380 अरब डॉलर का खर्च होने की उम्मीद है। बता दें कि पहली बार यह रिकॉर्ड खर्च हो रहा है। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र में भी निवेश 2021 से दोगुना हो गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक कारों की मांग में इजाफा देखने को मिल रहा है। 2022 के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद इस साल बिक्री में एक तिहाई से अधिक की छलांग लगने की उम्मीद है। ऐसे में माना जा रहा है कि EV में निवेश 2021 से दोगुना से अधिक हो गया है और 2023 में 130 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अगर ग्रीन एनर्जी में निवेश 2021 से देखी गई दर पर जारी रहता है, तो 2030 में कम उत्सर्जन वाली बिजली, ग्रिड, स्टोरेज और अंतिम उपयोग विद्युतीकरण (end-use electrification) पर कुल खर्च दुनिया की घोषित जलवायु पर खर्च को पूरा करने के लिए आवश्यक स्तरों से अधिक हो जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कुछ टेक्नोलॉजीज के लिए, विशेष रूप से सौर, यह वैश्विक औसत तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस स्थिरीकरण के लिए आवश्यक निवेश से मेल खाएगा।’