राज्य सभा की कम से कम 10 सीट खाली हो गई हैं, क्योंकि तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत उच्च सदन के ये सदस्य हाल ही में संपन्न हुए आम चुनाव में सांसद बन कर लोक सभा पहुंच गए हैं। उच्च सदन ने सोमवार शाम को सीट खाली होने की जानकारी दी। इन्हें भरने के लिए बहुत जल्द प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राज्य सभा की जो 10 सीट खाली हुई हैं, उनमें 7 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास थीं। इनमें दो सीट कांग्रेस और एक राष्ट्रीय जनता दल के पास थी। बिहार, महाराष्ट्र और असम से दो-दो तथा राजस्थान, त्रिपुरा, हरियाणा और मध्य प्रदेश से एक-एक सीट खाली हुई है।
चुनाव होने की स्थिति में भाजपा को हरियाणा और राजस्थान से कम से कम दो सीट मिल सकती हैं। इनमें हरियाणा से कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से चुनाव जीते हैं, जबकि कांग्रेस के ही वेणुगोपाल राजस्थान से राज्य सभा सांसद थे, लेकिन वे केरल की आलप्पुझा सीट से जीत कर लोक सभा पहुंच गए हैं। भाजपा के पास इन दोनों सीटों को जीतन के लिए हरियाणा और राजस्थान में विधायकों की पर्याप्त संख्या है।
असम में राज्य सभा सांसद और केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल तथा कामाख्या प्रसाद भी आम चुनाव जीत कर लोक सभा पहुंच गए हैं। इससे इस राज्य में भी राज्य सभा की दो सीट खाली हो गई हैं, लेकिन यदि ‘इंडिया’ गठबंधन ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ हाथ मिला लेता है तो भाजपा के लिए ये दोनों सीट जीतना थोड़ा मुश्किल होगा।
महाराष्ट्र में खाली हुई दोनों सीटों पर भाजपा आसानी से जीत दर्ज कर सकती है, क्योंकि इसके लिए उसके पास पर्याप्त संख्या बल है। इनमें सीट का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करते थे। महाराष्ट्र में आम चुनाव के कारण खाली होने वाली सीटों से इतर एक और सीट खाली है। यदि खाली तीनों सीटों पर एक साथ चुनाव हुआ तो यह सीट महाविकास अघाड़ी के खाते में जा सकती है। बिहार की दो सीटों में एक एनडीए और एक इंडिया गठबंधन के खाते में जा सकती है।
इन 10 सीटों के अलावा केरल से तीन राज्य सभा सांसद 1 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इन सीटों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यहां भाकपा, माकपा और केरल कांग्रेस (एम) के पास राज्य सभा की एक-एक सीट है। ये चारों भी नामित सदस्य हैं, जो जुलाई के मध्य में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इनमें महेश जेठमलानी, राम शकल, राकेश सिन्हा और सोनल मानसिंह हैं। इन चारों ने नामित होने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया था।