भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल में वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (वीआरआरआर) नीलामी कराए जाने के बावजूद बैंकिंग व्यवस्था में शुद्ध नकदी मंगलवार को 3.13 लाख करोड़ रुपये अधिशेष की स्थिति में पहुंच गई। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक यह 13 जून के बाद का सर्वोच्च स्तर है। अधिशेष नकदी की वजह से ओवरनाइट वेटेड औसत कॉल दर इस समय 5.25 प्रतिशत की स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसेलिटी (एसडीएफ) दर के करीब और 5.50 प्रतिशत की रीपो दर से नीचे आ गया है। बुधवार को वेटेड औसत कॉल दर घटकर 5.27 प्रतिशत पर आ गई, जो इसके पहले दिन 5.31 प्रतिशत थी।
बाजार से जुड़े हिस्सेदारों ने कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा शुक्रवार को 7 दिन में परिपक्व होने वाली वीआरआरआर नीलामी किए जाने की संभावना है। रिजर्व बैंक को वीआरआरआर नीलामी में 84,975 करोड़ रुपये की बोली मिली थी, जबकि उसने 1 लाख करोड़ रुपये की नीलामी रखी थी।
एक सरकारी बैंक से जुड़े मुद्रा बाजार डीलर ने कहा, ‘हम शुक्रवार को 7 दिन की एक और वीआरआरआर नीलामी की उम्मीद कर रहे हैं। इसके बाद रिजर्व बैंक का फैसला नकदी की स्थिति पर निर्भर होगा।’
बैंकिंग व्यवस्था से अतिरिक्त नकदी घटाने के लिए रिजर्व बैंक वीआरआरआर नीलामी करता है, जिससे कम अवधि की दरें नीतिगत रीपो दर के करीब बनी रहें। लेकिन अधिशेष लगातार बने रहने से लगता है कि तरलता को केंद्रीय बैंक के लक्ष्य के मुताबिक शुद्ध मांग एवं समय देनदारी (एनडीटीएल) के 1 फीसदी पर रखने के लिए और वीआरआरआर नीलामी करानी पड़ सकती हैं। बाजार प्रतिभागियों और अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक दैनिक स्थिति के आधार पर बार-बार नीलामी कर नकदी की स्थिति ठीक करेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि तरलता में अधिशेष हाल में हुए सरकारी व्यय की वजह से भी हो सकता है, जिससे ओवरनाइट दरें कम हुई हैं। नकदी संभालने के लिए रिजर्व बैंक प्राथमिक तौर पर वीआरआरआर का ही इस्तेमाल करता है। माना जा रहा है कि वह इन नीलामियों का आकार बढ़ाएगा और 7 दिन के साथ ही 2 या 3 दिन की वीआरआरआर नीलामी भी करेगा।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा, ‘इस समय कोई और उपाय किए जाने की संभावना नहीं दिख रही मगर यह स्पष्ट है कि रिजर्व बैंक टीआरईपी दरों को एसडीएफ दरों से नीचे नहीं जाने देगा। वह नही चाहता कि कॉल रेट रीपो दर के पास आए क्योंकि रीपो दर का पूरा असर अभी नीचे तक दिखा नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘वे 7 दिन के वीआरआरआर लाते रहेंगे मगर यह नहीं पता कि आगे क्या करेंगे। वे वीआरआरआर की मात्रा बढ़ा सकते हैं और कम अवधि का वीआरआरआर भी ला सकते हैं।’वेटेड औसत ट्राई-पार्टी रीपो रेट (टीआरईपी) का कारोबार बुधवार को 5.15 प्रतिशत पर हो रहा था, जो मंगलवार को 5.19 प्रतिशत था।
इस साल की शुरुआत से ही रिजर्व बैंक वैरिएबल रेट रीपो (वीआरआर) नीलामी, स्वैप और ओपन मॉर्केट ऑपरेशंस (ओएमओ) के माध्यम से बैंकिंग व्यवस्था में नकदी डाल रहा है। कर जमा करने के लिए धन की निकासी और विदेशी मुद्रा बाजार में दखल के कारण नकदी में आई कमी को देखते हुए रिजर्व बैंक रोजाना वीआरआर नीलामी करा रहा था।
रिजर्व बैंक ने जनवरी से बैंकिंग व्यवस्था में करीब 9.5 लाख करोड़ रुपये टिकाऊ नकदी डाली है। दिसंबर तक किल्लत से जूझ रही नकदी इस कारण मार्च के अंत तक अधिशेष में आ गई। डाली गई कुल नकदी में 5.2 लाख करोड़ रुपये ओपन मार्केट परचेज से आई है, जबकि दीर्घावधि वीआरआर नीलामी से 2.1 लाख करोड़ रुपये और डॉलर/रुपया खरीद बिक्री स्वैप से 2.2 लाख करोड़ रुपये आए हैं।
साथ ही मौद्रिक नीति समित सितंबर से चार खेपों में सीआरआर भी 100 आधार अंक घटा चुकी है। अब सीआरआर 3 प्रतिशत रह गया है, जिससे नवंबर 2025 तक बैंकिंग व्यवस्था में 2.5 लाख करोड़ रुपये की प्राथमिक तरलता आने की संभावना है।