भारतीय रिजर्व बैंक ने नाबालिगों के जमा खाते खोलने और परिचालन के लिए व्यापक मानदंड जारी किए हैं, जो वाणिज्यिक और सहकारी बैंकों सहित नियमन के दायरे में आने वाली बैंकिंग संस्थाओं पर लागू होंगे। रिजर्व बैंक ने मौजूदा दिशानिर्देशों को युक्तिसंगत और सुसंगत बनाने के लिए नियमों की समीक्षा कर मानदंड जारी किए हैं।
किसी भी उम्र के नाबालिग अपने प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक के माध्यम से बचत और सावधि जमा खातों का परिचालन कर सकेंगे। रिजर्व बैंक ने कहा कि वे अभिभावक के रूप में अपनी माता के साथ ऐसे खाते खोल सकेंगे। संशोधित मानक 21 अप्रैल, 2025 से लागू होंगे। बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नाबालिगों के खाते, चाहे वे स्वतंत्र रूप से या अभिभावक के माध्यम से चल रहे हों, उसमें से अतिरिक्त निकासी की अनुमति न हो और इसमें हमेशा क्रेडिट बैलेंस बना रहना चाहिए। बैंकों को नाबालिगों के जमा खाते खोलने के लिए ग्राहक की समुचित जांच करनी होगी तथा नियामक मानदंडों के अनुरूप समय समय पर जांच पड़ताल करनी होगी।
खाताधारकों के वयस्क होने पर बैंकों को नए परिचालन निर्देश और नमूना हस्ताक्षर प्राप्त करने होंगे और उन्हें रिकॉर्ड में रखना होगा। इसके अलावा, यदि खाता अभिभावक द्वारा संचालित किया जाता है, तो शेष राशि की पुष्टि की जानी चाहिए।
इसमें कहा गया है कि बैंकों को नाबालिग खाताधारकों के वयस्क होने, उससे संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए खाताधारकों को सूचित करने की अग्रिम कार्रवाई करनी होगी।