भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट कार्ड 2024 में ए+ ग्रेड मिला। रिजर्व बैंक के प्रयासों को लगातार दूसरे वर्ष सराहा गया है।
यह पुरस्कार वॉशिंगटन डी.सी. के ग्लोबल फाइनैंस ने दिया। इसमें प्रमुख क्षेत्रों जैसे महंगाई नियंत्रण, आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य, हालिया स्थायित्व और ब्याज दर प्रबंधन की सफलता का आकलन कर ‘ए+’ से ‘एफ’ तक के ग्रेड दिए गए थे। इसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर ‘ए’ और स्पष्ट रूप से विफल होने पर ‘एफ’ दिया जाता है।
ग्लोबल फाइनैंस 1994 से केंद्रीय बैंक की सालाना रिपोर्ट कार्ड प्रकाशित करती है। ग्लोबल फाइनैंस करीब 100 प्रमुख देशों, यूरोपियन यूनियन और कैरिबायाई व अफ्रीका के विभिन्न केंद्रीय बैंकों सहित विभिन्न क्षेत्रों की ग्रेडिंग करती है।
गवर्नर दास को कई उपलब्धियों के लिए सराहा गया है। उनकी उपलब्धि में विशेष तौर पर महामारी और फिर यूरोप में युद्ध के दौर में वैश्विक केंद्रीय बैंकों में बढ़ते ब्याज दर की चुनौती से निपटना शामिल है। दास के कार्यकाल में बैंकिंग क्षेत्र मजबूत हुआ, लाभप्रदता बढ़ी और स्वस्थ पूंजी कायम रही।
उनके कार्यकाल में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 311 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के बीते पांच गवर्नरों के कार्यकाल में दास के कार्यकाल में विदेशी मुद्रा भंडार का सर्वाधिक विस्तार हुआ। डा. वाईवी रेड्डी के कार्यकाल की तुलना में दास के कार्यकाल में 200 अरब डॉलर अधिक का विस्तार हुआ।
वर्ष 2024 तक (11 अक्टूबर तक) भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 68 अरब डॉलर का शुद्ध इजाफा हुआ। इस दौरान भारत विश्व में दूसरा सर्वाधिक विदेशी मुद्रा संचित करने वाला देश बन गया था और विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत केवल चीन से पीछे था। भारत के पास इतना विदेशी मुद्रा भंडार है कि वह 11.87 महीने तक आसानी से पर्याप्त आयात कर सकता है। यह देश के जून 2024 की समाप्ति पर बाहरी कुल ऋण से 101 प्रतिशत अधिक है।